किस तरह मार्शल आर्ट्स ने जॉन शिंक के जीवन को नई राह दिखाई

Nigerian flyweight mixed martial artist John Shink

जॉन शिंक ग्लोबल स्टेज पर छाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

31 वर्षीय Tiger Muay Thai टीम के प्रतिनिधि 14 अगस्त को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में होने वाले ONE: NO SURRENDER II में योडकाइकेउ “Y2K” फेयरटेक्स के खिलाफ अपना ONE Championship डेब्यू करने वाले हैं।

इससे पहले नाइजीरिया में जन्मे शिंक अपने ONE करियर की शुरुआत करें, हम उनके बारे में आपको बताने वाले हैं कि युवावस्था में वेल्स में रहे और किस तरह उन्होंने कॉम्बैट स्पोर्ट्स की राह चुनी।

जिंदगी का पहला पड़ाव

शिंक का जन्म नाइजीरिया में हुआ था और उनका एक बड़ा भाई व एक छोटी बहन भी हैं।

उनका परिवार देश के अन्य लोगों से बेहतर जीवन व्यतीत कर पा रहा था, इसका मतलब ये था कि वो अच्छी पढ़ाई कर सकते थे। अफ्रीकी देशों में रहकर सफलता हासिल करने के लिए पढ़ाई बहुत आवश्यक चीज है।

उन्होंने कहा, “अफ्रीका में आपको स्कूल के लिए पैसे देने होते थे, अच्छी पढ़ाई के लिए प्राइवेट स्कूल जाना होता है क्योंकि सरकारी स्कूलों की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है।”

पढ़ाई से अलग शिंक को ऐसी संस्कृति से भी लगाव होने लगा था, जो नाइजीरिया में देखने को नहीं मिलती। वो घंटों टीवी देखकर नई संस्कृति के बारे में सीखने का प्रयास किया करते।

उन्होंने कहा, “मैं वेस्टर्न मूवीज़ देखा करता था। ये अकेली जगह थी, जहां मुझे गोरे लोग देखने को मिलते थे।”

कठिन परिस्थितियों में घर बदला

अगस्त 1998 में उनके नौवें जन्मदिन के कुछ ही दिन बाद शिंक और उनका परिवार यूरोपीय देश वेल्स में जा बसा। अब स्थिति ये हो चुकी थी कि उन्हें पश्चिमी संस्कृति को निहारने की कोई जरूरत नहीं थी बल्कि पश्चिमी देशों के लोग उन्हें निहार देख रहे थे।

शिंक ने हंसते हुए कहा, “वेल्स में एयरपोर्ट पर मैं एस्केलेटर पर पहली बार चढ़ा लेकिन गिर पड़ा था।”

“हम जहां भी जाते लोग हमें ही देख रहे थे और वाकई में उस गांव में हमारे अलावा अन्य अश्वेत लोग नहीं थे।”

हालांकि, नए देश में सभी चीजें हंसी का पात्र भी नहीं थी।

ग्रेट ब्रिटेन की संस्कृति में खुद को ढालने के समय उन्हें कुछ नाइजीरियाई दोस्तों के अलावा किसी का साथ नहीं मिल रहा था। इसी कारण शिंक ऐसी स्थिति में पहुंच चुके थे कि कभी जिन लोगों की टीवी पर देख वो प्रशंसा करते नहीं थकते थे, उनसे भी वो दूर होते चले गए।

उन्होंने बताया, “श्वेत लोगों के इर्द-गिर्द घिरे रहना, वो भी जब नस्लवाद अपने चरम पर हो। इसलिए मुझे खुद अपने पैरों पर खड़ा होना था, जिससे खुद की रक्षा कर सकूं। इसी कारण मुझे मानसिक रूप से मजबूती मिली और लगा कि मैं भी खुद सफलता हासिल कर सकता हूं।”

कुछ साल बाद शिंक के परिवार ने एक बार फिर अपना घर बदलने का निर्णय लिया। इस बार युवा शिंक खुद को नए देश की संस्कृति के अनुरूप ढालने में सफल होने लगे थे।

उन्होंने कहा, “जब मेरी उम्र 12 या 13 साल थी तो हम इंग्लैंड के ल्यूटन शहर में आ बसे। ल्यूटन के स्कूलों में वेल्स से अधिक एशियाई, श्वेत और अश्वेत बच्चे पढ़ाई करने आते थे।”

इंग्लैंड आने से जॉन की जिंदगी में बड़े बदलाव आए और ल्यूटन ही वो जगह थी, जहां से उनका मार्शल आर्ट्स के प्रति लगाव बढ़ना शुरू हुआ।



एक नया जुनून

शिंक को मार्शल आर्ट्स के बारे में तब पता चला, जब वो यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स थेरेपिस्ट की पढ़ाई कर रहे थे। अन्य लोगों की तरह उन्होंने अनुशासन पर अधिक ध्यान देना शुरू किया, जिससे वो खुद को अपने से ताकतवर लोगों से बचा सकें।

शिंक ने कहा, “जब भी मैं और मेरे दोस्त बाहर जाते तो जैसे मुश्किल हमारे पीछे-पीछे आ जाती थी। दूसरे लोग हमेशा मुझसे लड़ाई करने की कोशिश करते क्योंकि मेरी लंबाई सबसे छोटी थी। वो सोचते थे कि मैं उनके लिए आसान शिकार बन सकता हूं।”

“किसी चीज की एक हद होती है। इसलिए मैंने सोचा कि यही समय है जब मुझे सीखना होगा कि खुद का बचाव कैसे कर सकते हैं।”

इसी बात को ध्यान में रख शिंक ने ल्यूटन में ट्रेनिंग के लिए जगह तलाशनी शुरू कर दी और जल्द ही उन्होंने MoreFire Icon में डेलरॉय मैक्डोवेल की निगरानी में ट्रेनिंग शुरू की।

उन्होंने कहा, “मैक्डोवेल उस समय पर्पल बेल्ट होल्डर हुआ करते थे, उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स सीखा हुआ था और हमें भी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के गुर सिखाए।”

अपने गेम में सुधार लाने के लिए नौसिखिए मार्शल आर्टिस्ट 9 मील का सफर कर डुनस्टेबल में स्थित Kaang Raang मॉय थाई जिम में जाते थे। वो दोनों जिम में ट्रेनिंग कर रहे थे और इसी समय उन्हें अपने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर की शुरुआत सामने नजर आने लगी थी।

साथ ही शिंक जितनी अधिक ट्रेनिंग कर रहे थे, उतना ही स्ट्रीट फाइट्स से खुद को दूर रख पाने में सफल हो रहे थे।

उन्होंने कहा, “इसने मुझे अनुशासन देने के साथ-साथ परिपक्व भी बनाया। मैं जानता था कि मुझे खुद को साबित करने की कोई जरूरत नहीं है, खासतौर पर स्ट्रीट फाइट्स में तो बिल्कुल नहीं।”

उन्होंने खुद को साबित किया लेकिन एक अलग और बेहतर जगह पर, जिसका नाम प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स था।

शानदार एमेच्योर करियर के बाद साल 2016 में शिंक के प्रोफेशनल करियर की शुरुआत हुई। अगले एक साल में उन्होंने 3 जीत दर्ज कीं, जिनमें एक TKO (तकनीकी नॉकआउट) और एक KO (नॉकआउट) के जरिए आई। इसके साथ-साथ वो मॉय थाई मैचों में भी भाग ले रहे थे।

शुरुआत में मिली इस सफलता के बाद उनका मन उनसे कह रहा था कि उन्हें अब स्पोर्ट्स थेरेपी को किनारे कर अपने प्रोफेशनल करियर पर ध्यान देना चाहिए।

करियर में ये बदलाव काफी ललचाने वाला था लेकिन जॉन भी जानते थे कि आगे का सफर आसान नहीं रहने वाला है। उन्हें एक बार फिर एक देश से दूसरे देश में शिफ्ट होने के लिए पैसों की जरूरत पड़ने वाली थी, एक ऐसी जगह जो इंग्लैंड से काफी अलग थी।

उन्होंने कहा, “मैं जानता था कि मुझे मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को कम से कम एक चांस तो देना ही चाहिए इसलिए मैंने पैसे बचाने शुरू कर दिए।”

एक बड़ा फैसला

फरवरी 2019 तक शिंक इतने पैसों की बचत कर चुके थे, जिससे वो अपनी जिंदगी का अगला बड़ा फैसला ले सकते थे।

उन्होंने कहा, “मैंने अपनी मां से कहा कि मुझे थाईलैंड जाना है। पहली बार उन्हें मेरे इन शब्दों पर विश्वास नहीं हुआ क्योंकि मैंने अचानक ही उनके सामने ये मांग रख दी थी। वो मुझे नहीं जाने देना चाहती थीं लेकिन साथ ही वो ये भी जानती थीं कि इससे मेरा करियर बन सकता है।”

“वो जानती थीं कि मैं पिछले 7 से 8 साल से ट्रेनिंग ले रहा हूं और मैं अपनी जिंदगी के साथ ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था, जिससे बाद में मुझे पछतावा हो। ये एक ऐसी चीज थी, जिसे मैं पूरी लगन के साथ करना चाहता था।”

इसके बाद उन्होंने अपने बेटे की जरूरतों को समझते हुए उन्हें अपना आशीर्वाद दिया और जाने की अनुमति दे दी।

अंत में उस त्याग का उन्हें अच्छे ही फल मिलने वाला था। शिंक ने पूरी तरह मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया और Tiger Muay Thai टीम में पिछले एक साल से भी अधिक समय से अपनी स्किल्स में सुधार कर रहे हैं, इसके अलावा वो लोकल फुकेत सर्किट के मैचों में भी भाग लेते रहे।

अब ONE के साथ डील साइन कर चुके युवा स्टार के लिए वो चीज जो एक समय उनका शौक हुआ करता था, वो ही आज उनकी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

शिंक ने कहा, “अब मैं ONE Championship के साथ जुड़ चुका हूं और पहली चुनौती का सामना करने जा रहा हूं। ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे मैं अपने सपने को पूरा करने के करीब पहुंच रहा हूं।”

“ये ही तो वो जगह थी, जहां मैं आना चाहता था। मुझे लोकप्रियता से कोई मतलब नहीं है लेकिन मैं ये जरूर साबित करना चाहता हूं कि मैं जो भी करता हूं, उसमें बहुत अच्छा हूं। मैं देखना चाहता हूं कि इस स्पोर्ट में सफलता की कितनी सीढ़ियां चढ़ सकता हूं और साथ ही सामान्य और खुशहाल जीवन व्यतीत करना चाहता हूँ।”

बेशक जॉन के लिए जीवन सामान्य ही रहा है और अच्छे अवसर की तलाश में दुनिया के कई देशों की सीमाओं को लांघ वो यहां तक पहुंचे हैं। लेकिन मार्शल आर्ट्स उनका जुनून है इसलिए शिंक को इस तरह का जीवन व्यतीत करने में कोई दिक्कत नहीं है।

उन्होंने कहा, “मैं हमेशा कहता हूं कि सभी चीजों के होने के पीछे कोई ना कोई वजह होती है। इसलिए अभी तक मेरे साथ जो भी हुआ, वो सभी चीजें मुझे इस मुकाम तक पहुंचाना चाहती थीं।”

“मेरे साथ जो भी हुआ है, मुझे उसका कोई पछतावा नहीं है। लेकिन दुनिया भर का सफर करना मेरे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। मुझे हर रोज नई और सुंदर जगहों के दर्शन होते हैं।”

ये भी पढ़ें: ONE: NO SURRENDER के स्टार्स द्वारा किए गए सबसे शानदार प्रदर्शन

मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में और

Yamin JoachimOuraghi 1920X1280
Adrian Lee
Kairat Akhmetov Reece McLaren ONE Fight Night 10 12
Superlek Kiatmoo9 Rodtang Jitmuangnon ONE Friday Fights 34 55
Victoria Souza Noelle Grandjean ONE Fight Night 20 9
Hu Yong Woo Sung Hoon ONE Fight Night 11 50
Yamin PK Saenchai Zhang Jinhu ONE Friday Fights 33 29
Smilla Sundell Allycia Hellen Rodrigues ONE Fight Night 14 20 scaled
Halil Amir Ahmed Mujtaba ONE Fight Night 16 38 scaled
Hiroki Akimoto Petchtanong Petchfergus ONE163 1920X1280 4
Ben Tynan Duke Didier ONE Fight Night 21 7
Kade Ruotolo Francisco Lo ONE Fight Night 21 57