Father’s Day Special: भारतीय स्टार्स ने अपनी जिंदगी में पिता के अहम योगदान के बारे में बात की
आज पूरी दुनिया में ‘फादर्स डे’ मनाया जा रहा है। ‘फादर्स डे’ हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है।
ये खास दिन अपनी जिंदगी में पिता के अहम योगदान और उनके प्रति प्यार दिखाने का होता है। इस दिन को करीब 100 सालों से भी ज्यादा समय से मनाया जाता रहा है। लोग अलग-अलग तरीकों से इस दिन को मनाते हैं।
यहां आप ONE Championship के भारतीय स्टार्स के जीवन और करियर में उनके पिता के योगदान के बारे में पढ़ सकते हैं।
ऋतु फोगाट
कहानी Ritu Phogat ???????? की जिन्हें रेसलिंग से लेकर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के सफर में कई सारे "दंगल" लड़ने पड़े। ????
Posted by ONE Championship India on Tuesday, May 5, 2020
फोगाट परिवार की कहानी आज पूरा देश जानता है। महावीर सिंह फोगाट ने त्याग और बलिदान से अपनी बेटियों को कामयाब बनाया और देश में महिला रेसलिंग को एक अलग स्तर पर पहुंचाया।
भारतीय वर्षीय स्टार ऋतु ने बताया, “मैं जब 6-7 साल की थी, तब से मेरे पापा ने मुझे बहनों के साथ ट्रेनिंग देना शुरु कर दिया था। जब मैं 13 या 14 साल की हुई, तब पिताजी ने मुझ पर फोकस करना शुरू किया। हमारी ट्रेनिंग सुबह 4 बजे से 7 बजे तक चलती थी और फिर शाम के 4 बजे से 7:30 बजे तक चलती थी।”
कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप मेडलिस्ट के रेसलिंग छोड़ मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आने के फैसले पर उन्हें पिता का भरपूर साथ मिला।
उन्होंने बताया, “मेरे पापा ने यही कहा कि देश का नाम रोशन करना है, चाहे गेम कोई भी हो।”
ONE Championship एटमवेट डिविजन में दो बाउट लगातार जीत चुकीं फोगाट को अपने पिता से गुरुमंत्र मिला है, जो उन्हें हमेशा याद रहता है।
कई बार की नेशनल चैंपियन ने बताया, “पापा एक वाक्य हमेशा बोलते हैं दूरदृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा। इस चीज़ को अपने मन में बैठा लो और हमेशा याद रखना”
अर्जन भुल्लर
अर्जन सिंह भुल्लर की मार्शल आर्ट्स कहानी
ओलंपिक रेसलर और ONE हेवीवेट Arjan Singh Bhullar एक नामी रेसलिंग ख़ानदान से ताल्लुक़ रखते हैं। उस ख़ानदानी नाम के कारण, बचपन से ही उनके ऊपर कुछ कर दिखाने का दबाव था। उन्होंने कई रेसलिंग के साथ साथ कई खेलों में अपने हाथ आज़माएँ, लेकिन उन्होंने अंत में मार्शल आर्ट्स को चुना। आइए जाने उनके सफ़र की कहानी:????
Posted by ONE Championship India on Wednesday, 17 June 2020
अर्जन “सिंह” भुल्लर को रेसलिंग विरासत में मिली थी। उनके पिता एक जाने-माने रेसलर थे, जिन्होंने देश-विदेश में खूब नाम कमाया। उनके माता-पिता उन्हें बचपन में कहा करते थे कि आप एक महान चैंपियन बनोगे।
अपने जीवन पर पिता के प्रभाव को याद करते हुए “सिंह” ने बताया, “मैं कई मौकों पर उनके साथ रेसलिंग मैचों के लिए भारत और यूनाइटेड किंगडम के दौरे पर जाता था। कई बार ऐसा होता था कि कुछ महिलाएं अपने नवजात शिशुओं को पिताजी के पास लाकर आशीर्वाद देने के लिए कहती थीं ताकि वे बड़े होकर एक महान रेसलर बनें। ऐसी चीज़ें आपको हमेशा याद रहती हैं।”
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पूजा तोमर
पूजा तोमर और उनकी कामयाबी की कहानी ????
बचपन में Pooja Tomar और उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था लेकिन उन्होंने अपने सामने आई हर चुनौती को अवसर में बदला और कामयाबी की एक यादगार कहानी लिखी! ????
Posted by ONE Championship India on Tuesday, June 9, 2020
पूजा तोमर आज देश की एक जानी-मानी एथलीट बन पाई हैं तो उसके पीछे उनके पिता का सपना था, जो चाहते थे कि उनकी बेटियां स्पोर्ट्स में जाकर देश का नाम रोशन करें। तोमर जब 6 साल की थीं उनके पिताजी का एक एक्सीडेंट में देहांत हो गया था।
अपने पिताजी के बारे में उन्होंने कहा, “पिताजी सुबह हम तीनों बहनों को जल्दी उठाकर रनिंग कराते थे। तब हमें समझ नहीं आता था कि वो ऐसा क्यों करवा रहे हैं क्योंकि सब सो रहे होते थे और हम लोग रनिंग करते थे। बाद में हमें अहसास हुआ कि पिताजी चाहते थे कि हम स्पोर्ट्स में जाएं।”
गुरदर्शन मंगत
गुरदर्शन मंगत और भारतीय संस्कृति का प्रभाव
Gurdarshan Gary "Saint Lion" Mangat ???????? को काफ़ी जल्दी बड़ा होना पद गया था क्योंकि उनके ऊपर कई ज़िम्मेदारियाँ थीं। जब केवल 8 साल के थे, उन्होंने अख़बार बाँटने का काम शुरू किया। वे दिन में 3 अलग अख़बार बाँटते थे, लगभग 1000 अख़बार। एक टॉप मार्शल आर्टिस्ट बनने के सफ़र में उन्होंने अपने परिवार और भारतीय संस्कृति से बहुत कुछ सीखा। आइए जानते हैं: ????
Posted by ONE Championship India on Wednesday, 17 June 2020
किसी भी खिलाड़ी की कामयाबी में उसके परिवार खासकर माता-पिता का बहुत ही बड़ा रोल होता है। माता-पिता अपने बच्चे की कामयाबी के लिए त्याग करते हैं और उन्हें हमेशा सच्चाई व अच्छाई के रास्ते पर चलने की नसीहत देते हैं। गुरदर्शन मंगत के साथ भी यही हुआ।
बचपन के दिनों को याद करते हुए मंगत ने कहा, “हमारे माता-पिता हमेशा हमें अपनी भारतीय जड़ों को पकड़े रहने को कहते थे। उन्होंने हमें हमारे पूर्वजों के बारे में सिखाया, जो मुझे आज भी याद है। वो कहते थे कि अपनी जड़ों को कभी मत भूलना, लेकिन साथ ही पश्चिमी दुनिया में भी रहना।”
हिमांशु कौशिक
अपनी जिंदगी में अपने पिता के योगदान के बारे में हिमांशु कौशिक ने कहा, “मेरे करियर में मेरे पापा का सबसे अहम रोल रहा है, वो मुझे हमेशा प्रेरित करते हैं। मैं जब भी ट्रेनिंग करके घर आता हूं तो वो मेरे लिए स्पेशल डाइट तैयार रखते हैं। मेरे पापा ऑलराउंडर हैं, वो लॉकडाउन के समय भी ट्रेनिंग में मेरी बहुत मदद करते हैं।”
“पापा ने मुझे बहुत सारी सीख दी और एक जो मुझे हमेशा याद आती है, वो कहते हैं ‘अपना काम पूरी लगन के साथ करो और फल के इच्छा मत करो।'”
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