Throwback Thursday: एड्रियानो मोरेस ने ब्राजील में एक बड़ा टेस्ट पास किया

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23 जून 2013 को एड्रियानो “मिकीन्यो” मोरेस ने बाधाओं को पार करते हुए अपने करियर की सबसे बेहतरीन जीत हासिल की। इसके साथ ही वो ONE Championship के रोस्टर में शामिल हो गए।

मोरेस को उस समय अपनी घरेलू ज़मीन पर गोल्ड जीतने का मौका मिला, जब वो खाली पड़े Shooto साउथ अमेरिकन फ्लाइवेट टाइटल के लिए फाइनल बाउट खेले। उस जीत के साथ उन्होंने अपना हाथ ग्लोबल स्टेज पर इससे भी बड़ी चीजों के लिए बढ़ाया।

31 साल के एथलीट ने बताया, “मुझे याद है जब मैं 2013 में Shooto साउथ अमेरिकन चैंपियन बना था। वो एक शानदार इवेंट था।”

“Shooto ब्राजील के प्रेसिडेंट ने मानाउस शहर में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया था। वो सही में एक बड़ा शो था, जिसके कार्ड में कई सारे बड़े नाम शामिल थे। उसमें मेरा मुकाबला डिलेनो लोपेज से हुआ था। उनका रिकॉर्ड 13-0 का था और मेरा 8-0 का। इस तरह से वो एक अपराजित चैपियनशिप बन गई थी।”

लोपेज ने अपने 13 में से 12 विरोधियों को फिनिश कर हरा दिया था। ब्राजीलिा में रहने वाले एथलीट को करीब 2000 किमी की यात्रा तय करके पहली बार चहेते स्थानीय एथलीट से बाउट करनी थी।

उन्होंने इस बात को माना, “मुझे याद है कि मनाउस में बाउट के लिए जाना काफी डरावना एहसास था क्योंकि मैं पहली बार किसी दूसरी जगह पर वहां के पसंदीदा हीरो के खिलाफ अपने आपको परखने जा रहा था।”

“मुझ याद है जब मैं वहां पहुंचा तो काफी गर्मी थी। मेरे अलावा बाकी सब मजे में थे लेकिन डिलेनो पर पूरे मीडिया व अन्य सभी की नजरें थीं। उस शो में हर चीज उनके फेवर में थी। मुझे बस अपना ध्यान जमाए रखना था, शांत रहना था और खेल को समझने की कोशिश करनी थी।”

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हालांकि, “मिकीन्यो” लोपेज के शो में कोई हल्का-फुल्का खेल दिखाने के लिए नहीं गए थे। वो भी एक उभरते हुए अजेय सितारे थे और चीजों को अपने ही अंदाज में करना चाहते थे।

इस ब्राजीलियन जिउ-जित्सु ब्लैक बेल्ट एथलीट ने आने वाली चुनौती के लिए अपनी पूरी क्षमता के साथ तैयारी की थी।

मोरेस ने बताया, “मुझे याद है कि मैंने भगवान से काफी प्रार्थना करके उनका धन्यवाद दिया था क्योंकि मैं अपनी जीत की लय को और अपने सपने को बरकरार रखना चाहता था। मैं बाउट के दिन जब जागा तो काफी सकारात्मक महसूस कर रहा था और बाउट के लिए पूरी तरह से तैयार था।”

जैसे ही उन्होंने एरीना में कदम रखा, तभी से उनकी सकारामत्कता परखी जाने लगी क्योंकि वहां के क्राउड ने शोर मचाना शुरू कर दिया था और वे एक सुर में कह रहे थे “uh, vai morrer”।



इस तरह का माहौल बाकी एथलीट्स का ध्यान भटका सकता था लेकिन उन्होंने इन आवाजों को अपने दिमाग पर हावी होने से रोका और  पूरा ध्यान काम पर लगाए रखा।

उन्होंने बताया, “विरोधियों से ब्राजीलियाई लोग कह रहे थे, “तुम मरने वाले हो”। वहां का हर एक व्यक्ति मेरे खिलाफ था इसलिए मुझे मजबूती से खड़े रहना ही था।”

“फिर अनाउंसर ने मेरा नाम पुकारा “एड्रियानो मोरेस“। मैं रिंग में दाखिल होते समय काफी फोकस और एकाग्र था।

“मैं दर्शकों के शोर के बीच रिंग की खुशबू को अच्छे से पहचान रहा था क्योंकि वहां मुझ से पहले काफी तगड़ी बाउट हो चुकी थीं। वो मानो नरक में दाखिल होने जैसा एहसास था लेकिन मैं काफी फोकस था और अपने विरोधी के आने का इंतजार कर रहा था।”

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लोपेज रिंग में दाखिल हुए और दर्शकों ने उनका स्वागत किया। पहले राउंड में उन्होंने बेहतरीन शुरुआत के साथ अपना दबदबा बनाए रखा।

मोरेस को पता था कि स्कोरकार्ड पर वो पीछे हैं और जल्द ही उन्हें मैच का रुख बदलने की जरूरत है। बेल्ट वेकेंट (खाली) थी। साथ में उनका अपराजित रिकॉर्ड और मार्शल आर्ट्स के सपने के साथ उन्होंने तूफान का रुख मोड़ना शुरू कर दिया।

मोरेस ने बताया, “मुझे पता था कि वापसी करनी है और गेम भी बदलना है। ऐसे में मैंने दूसरे राउंड में बेहतर खेल दिखाया।”

“मैंने उन्हें जमीन पर गिराया। तगड़े ग्राउंड एंड पाउंड देने शुरू कर दिए और उन्हें चोट पहुंचाई। मैं उनके शरीर पर किक बरसाने लगा।

“फिर तीसरे राउंड में मैंने उनके शरीर पर एक बेहतरीन किक मारी, जिससे वो ढेर हो गए। उन्हें फाइट रोकनी पड़ी। रेफरी ने हमें अलग कर दिया और मैं Shooto साउथ अमेरिकन टाइटल बेल्ट जीत गया।”

ONE Flyweight World Champion Adriano Moraes

कई सारी विपरीत परिस्थतियों को पछाड़ते हुए “मिकीन्यो” ने अपने सबसे तगड़े विरोधी को हराकर गोल्ड जीत लिया था। इसके लिए उन्हें रिंग के अंदर और बाहर दोनों जगह मेहनत करनी पड़ी थी।

उस समय इसका अंदाजा उन्हें नहीं था कि इस धांसू सफलता से विश्व के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में उनकी नींव पड़ गई थी।

मोरेस को मनाउस में मिली जीत के बाद ONE Championship जॉइन करने का मौका मिला। साथ ही एक ऐसा नया आत्मविश्वास भी मिला, जो उनके साथ The Home Of Martial Arts में साथ आया।

उन्होंने बताया, “वो आश्चर्यजनक अनुभव था क्योंकि किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं ऐसा कर सकता हूं।”

“मुझे याद है कि इस तरह से मेरा उदय हुआ। एक नया व्यक्ति, एक नया चैंपियन और इसके साथ मैं जीवन और अपने फाइटिंग करियर के दूसरे स्तर पर जाने के लिए तैयार था।”

और अब करीब सात साल बाद वो ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन पर राज करने वाले और डिफेंडिंग चैंपियन हैं।

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