लिटो आदिवांग ने अपने बचपन के सपने को कैसे पूरा किया

Lito Adiwang defeats Senzo Ikeda at ONE CENTURY DC DUX_0136

लिटो “थंडर किड” आदिवांग ने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी कोई रास्ता बनेगा, जो उनके सपने को सच कर देगा। हालांकि, जब उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स टीम मिली तो अपने सपने को सच करने का रास्ता मिल गया। इसने उनकी प्रतिभा को भी बढ़ाने का काम किया।

26 साल के फिलीपीनो एथलीट ONE: FIRE AND FURY में पोंगसिरी “द स्माइलिंग असासिन” मिटसाटिट का सामना करेंगे। उन्होंने एक एथलीट के रूप में जीवन जीने के लिए अपने देश के अलावा दक्षिण एशिया की कई साल तक यात्रा की। उनकी यात्रा तब तक जारी रही, जब तक उन्होंने अपनी एथलेटिक क्षमता को उजागर करने का रास्ता नहीं ढूंढ लिया।

आदिवांग का जन्म और पालन-पोषण बागियो शहर के बाहरी ग्रामीण इलाके सेंटो टोमस में हुआ था। वो सात बच्चों में सबसे छोटे थे। यंगस्टर के रूप में उन्होंने पिता की खेतों में काम करने के दौरान मदद की। फिर भी वो हमेशा कल्पना करते रहे कि एक दिन वो एथलीट बनेंगे।

उनकी क्लास के ज्यादातर बच्चों ने बॉस्टेकटबॉल खेला लेकिन उन्होंने कॉम्बैट स्पोर्ट्स में रुचि दिखाई। बॉक्सिंग मेगास्टार मैनी “पैकमैन” पैकियाओ के उदय के साथ वो बचपन में उनसे काफी प्रभावित नजर आए। उन्होंने अपने हीरो की तरह बनने के लिए 10 साल की उम्र से ही इस खेल की प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी थी।

उन्होंने एमेच्योर स्तर पर हाई स्कूल में रहते हुए इस खेल में बेहतरीन प्रदर्शन किया और कॉम्पिटिशन में अपने स्कूल को रिप्रेजेंट किया। हालांकि, उन्होंने ये जल्दी समझ लिया था कि अगर वे कुछ बड़े बदलाव किए बिना “द स्वीट साइंस” में लगे रहे तो उनके मौके शायद सीमित हो जाएंगे।

सौभाग्य से एक नए डिसिप्लिन में करियर शुरू करने का मौका उनके आसपास ही था, जो उन्हें मिल गया।

उन्होंने कहा, “मैंने येे जाना कि बागियो में कोई ऐसा नहीं है, जो बॉक्सर बना हो क्योंकि अगर आपके पास मैनेजर नहीं है तो आपके पास ज्यादा मौके भी नहीं होंगे।”

“कोच ने मुझे बताया कि अगर मैं एक अलग तरह के डिसिप्लिन में नहीं गया तो जो कुछ भी मैंने मुक्केबाजी में सीखा और शुरू किया है, वो सब बेकार हो जाएगा। ऐसे में मैंने सोचा था कि मेरी बॉक्सिंग स्किल्स मुझे वुशु सीखने में मदद करेगी।”

“मैं जब एक जिम में प्रशिक्षण ले रहा था तो बागियो विश्वविद्यालय के कोचों में से एक ने मेरी प्रतिभा को पहचानकर पूछा कि क्या तुम यूनिवर्सिटी टीम में शामिल होने की कोशिश करना चाहोगे। उन्होंने मुझे स्कॉलरशिप भी दी। ये वही जगह थी, जहां मेरे लिए कई तरह के अलग कॉम्पिटिशन शुरू हुए।”



उन्होंने बागियो यूनिवर्सिटी में डिग्री हासिल करने के लिए पढ़ाई शुरू की। इसके बाद वुशु टीम में उनके प्रदर्शन ने “थंडर किड” को राष्ट्रीय वुशु टीम में जगह दिला दी।

इस तरह उन पर शिक्षा और खेल की जिम्मेदारियों का संतुलन बनाने का बहुत दबाव आ गया था। इस दबाव ने दोनों में से किसी एक को चुनने के लिए उन्हें मजबूर किया। हालांकि, अपनी पूरी जिंदगी की महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए उनके लिए ये फैसला लेना कठिन नहीं था।

“मैं अब भी एक डिग्री हासिल करना चाहता हूं लेकिन उस वक्त मैंने फैसला किया था कि येे वही समय है, जिसकी मुझे पहले से तमन्ना थी और मैं वही करना भी चाहता था।”

“मैं जब बड़ा हुआ तो मुझे लगा कि मैं कोशिश करके एक डिग्री हासिल कर सकता हूं और हो सकता है कि कहीं पढ़ा भी सकता हूं। हालांकि, मैंने ये भी सोचा था कि अगर मैं बड़ा होता तो इस तरह की प्रतिस्पर्धा करने के योग्य नहीं बन पाता। उस वक्त मैंने फैसला कर लिया था कि ये वही करियर है, जिसमें मैं आगे बढ़ना चाहता हूं। इस मौके को मैंने जाने नहीं दिया। मुझे नहीं पता था कि मैं इसे कैसे करूंगा पर ये पता था कि इसे करने के बाद कोई पछतावा नहीं होगा।”

हालांकि, आदिवांग को अपना पेट भरने के लिए तब भी काम करना पड़ रहा था। वो तब तक काम करते रहे, जब तक उनको विदेश में काम करने का मौका नहीं मिला।

मलेशिया और थाइलैंड में एक कोच के रूप में काम करने वाले आदिवांग को पूरी तरह से मार्शल आर्ट्स के साथ जीवन जीने का मौका मिला लेकिन इसका मतलब ये भी था कि वो अपना सारा ध्यान प्रतिस्पर्धा में नहीं लगा सकते थे, जो वास्तव में वो करना चाहते थे।

उन्होंने सम्मानजनक 6-2 का रिकॉर्ड बनाया। वो तब भी खुद से निराश थे क्योंकि उनकी खुद से बहुत ज्यादा उम्मीद थी। ये मौका उन्हें तब तक नहीं मिला था, जब तक वो फिलीपींस वापस नहीं लौटे थे और Team Lakay से फिर से नहीं जुड़े थे। उसके बाद उन्होंने सर्कल में चमकना शुरू कर दिया, जिसकी उनको कई साल से चाहत थी।

ONE Warrior Series (OWS) के लिए चयनित किए जाने के बाद बागियो सिटी जिम में उनके काम ने उन्हें टॉप परफॉर्मर्स में से एक बनने में मदद की।

उन्होंने कहा, “Team Lakay में जो एक चीज सबसे बेहतर है, वो है टीम वर्क।”

“ये एक बिंदु है, जो एक-दूसरे में सुधार लाने का काम करता है और एक एथलीट के रूप में जो आपको चाहिए, वो देता है। मेरे एक्सपीरियंस से मुझे लगता है कि ये उन चीजों में से एक है, जो अन्य टीमों में कम नज़र आता है। अगर उनके पास सभी उपकरण और संसाधन है तो भी उनके कुछ एथलीट खुद को बेहतर बनाने में ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं बजाय इसके कि मदद करके साथियों को भी बेहतर बनाया जाए।

“Team Lakay में मैंने देखा कि कैसे वे एक-दूसरे को नेक्स्ट लेवल पर ले जाना चाहते हैं। वे एक-दूसरे को आगे बढ़ने के लिए पुश करते हैं, ताकि पूरी टीम के स्तर में सुधार हो।”

OWS में तीन जीत ने उन्हें मेन ONE Championship रोस्टर में अनुबंध के जरिए शामिल होने का मौका दिया। उन्होंने सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स इवेंट ONE: CENTURY में सेन्जो इकेडा को हराकर अपना ऐतिहासिक डेब्यू किया।

अब वो The Home Of Martial Arts में पूरी तरह से स्थापित हैं। उनका बचपन का सपना मार्शल आर्ट्स में अपने ग्लोबल सुपरस्टार पैकियाओ की तरह बनने का था, जिसके करीब वो पहुंच गए हैं। वो ये तमगा हासिल करने के लिए अपनी टीम के साथ ज्यादा मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य हर बार अपने आप को बेहतर दिखाने का है। फिर चाहे वो एक इंसान के रूप में हो या फिर एक एथलीट के रूप में।”

“भविष्य में मैं एक वर्ल्ड खिताब जीतना चाहता हूं और दुनिया के सबसे बेहतरीन प्रतिद्वंदियों के खिलाफ बाउट करना चाहता हूं।”

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मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्सयहां क्लिक करें  

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