जब सब कुछ छोड़कर गुफा में फंसे बच्चों को बचाने के काम में जुट गए पोंगसिरी मिटसाटिट
पोंगसिरी “द स्माइलिंग असासिन” मिटसाटिट ONE Championship में फिर से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। इस शुक्रवार, 14 अगस्त को होने वाले ONE: NO SURRENDER II में उनका सामना अकिहिरो “सुपरजैप” फुजिसावा से होगा।
अक्सर रिंग और मैट पर जलवा बिखेरने वाले 24 वर्षीय स्टार ने करीब दो साल पहले बेहद जांबाजी भरा काम किया था। दरअसल, साल 2018 में थाईलैंड के चिआंग राई प्रांत की गुफाओं में 12 सदस्यों की वाइल्ड बोर्स फुटबॉल टीम और उनके कोच फंस गए थे, जिन्हें बाहर निकालने के लिए एक लंबा रेस्क्यू मिशन चला था। इस रेस्क्यू मिशन में माटसाटिट ने भी हिस्सा लिया था।
पिंग्नाकोर्न रेस्क्यू चिआंग राई वॉलंटियर ग्रुप के सदस्य के तौर पर उन्होंने सहायता की थी। मिटसाटिट की यूनिट में दुनिया भर के करीब 7 देशों के 800 से ज्यादा लोग थे, जिन्होंने दो हफ्ते बचाव कार्य में हिस्सा लिया था।
Posted by Pongsiri Mitsatit on Wednesday, June 27, 2018
उन्होंने बताया, “हम सुबह चिआंग राई पहुंचे। हमें बच्चों की काफी चिंता था लेकिन मुझे अपनी टीम पर पूरा भरोसा था। मुझे पता था कि हम उन्हें ढूंढने के लिए कुछ भी करेंगे।”
“दुनिया भर से लोग मदद के लिए आगे आए। ये एक साझा प्रयास था और एक उद्देश्य के लिए सबको साथ आते देखकर काफी अच्छा लगा।”
11 से 16 साल के बच्चे अपने कोच के साथ थाम लुआंग नांग नोन गुफा में गए लेकिन भारी बारिश की वजह से गुफा में पानी भर गया और वो अंदर फंस गए।
बढ़ते जलस्तर से बचने के लिए वो सब गुफा में अंदर चले गए, जहां उन्हें बैठने और आराम के लिए एक ऊंंची जगह मिल गई थी।
Posted by Pongsiri Mitsatit on Wednesday, June 27, 2018
युवा फुटबॉल टीम के सदस्यों के ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। घंटों की मेहनत के बाद उनकी लोकेशन का पता चल पाया।
मिटसाटिट ने कहा, “मैं बच्चों की मदद कर मुझे काफी अच्छा लगा।”
“भले ही मैं किसी बड़े मुकाबले के लिए ट्रेनिंग कर रहा होता, मैं उन बच्चों की मदद के लिए जो जरूरी हो सकता था वो करता। ये किसी भी काम से बड़ा था।
“ब्रिटिश डाइवर्स ने उन्हें सबसे पहले देखा और उनकी फोटो व वीडियो भेजी, जिसे देखकर काफी सुकून मिला। उन सबको जिंदा देखना काफी सुखद अनुभव था।”
Posted by Pongsiri Mitsatit on Wednesday, June 27, 2018
सौभाग्य की बात ये रही कि फुटबॉल टीम के सभी सदस्य और कोच सही सलामत बचा लिए गए। रेस्क्यू मिशन खत्म होने के बाद मिटसाटिट अपनी ट्रेनिंग में जुट गए।
उन्होंने बताया, “हमें मुसीबत में फंसे लोगों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अमीर हैं या गरीब, जो आपके बस में हो वो मदद जरूर करें।”
“मैं उन बच्चों को जल्द से जल्द ढूंढना चाहता था। उन्हें स्वस्थ और सलामत देखकर मुझे काफी ताकत मिली।”