मोटा कहकर चिढ़ाए जाने से लेकर मलेशिया के हीरो बनने तक की अगिलान थानी की कहानी

Agilan Thani at ONE CENTURY 1620x1080

मलेशिया के अगिलान “एलीगेटर” थानी का बचपन भले ही दर्दनाक अनुभवों से गुजरा हो लेकिन इसने उन्हें अपने जीवन को बदलने और नेशनल हीरो बनने की प्रेरणा दी।

24 वर्षीय एथलीट को उनकी मां छोड़कर चली गई थीं। इसके बाद वो मोटापे का शिकार हो गए। ऐसे में उन्हें युवावस्था में खूब परेशान किया गया और काफी डराया-धमकाया गया। हालांकि, जैसे ही उनको मार्शल आर्ट्स के बारे में पता चला तो वो उसी रास्ते पर चल दिए। इस सफर ने उन्हें ONE Championship में देश के सबसे अच्छे खिलाड़ियों में शामिल कर दिया।

अब जब वो सर्कल में अपनी हाई प्रोफाइल बाउट के लिए लौट रहे हैं तो कुआलालंपुर के रहने वाले एथलीट ने हमें बताया कि कैसे वो अपने देश के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।

सेंतुल की कठिन डगर

थानी की मां उनके परिवार को उस वक्त छोड़कर चली गई थीं, जब वो बहुत छोटे थे। ऐसे में उनका पूरा पालन-पोषण उनके पिता ने ही किया।

उन्होंने बताया, “बचपन में ही मेरी मां मुझे छोड़कर चली गई थीं इसलिए जब भी कोई मुझसे उनके बारे में पूछता था तो मैं उनसे यही कहता था कि वो ओलंपिक के लिए गई थीं और फिर कभी वापस नहीं लौंटीं।”

“इससे मुझे कोई परेशानी नहीं होती थी क्योंकि मैं न कभी उनसे मिला था और न ही कभी उनका चेहरा देखा था।”

“द एलीगेटर” जब 8 साल के थे तो वो कुआलालंपुर के सेंतुल में एक बेडरूम वाले अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए थे। इसे वो एक कठिन और आपराधिक गतिविधियों से भरा हुआ इलाका बताते हैं।

उन्होंने बताया, “वहां के लोग बड़े अजीब ढंग से देखते थे। फिर चाहे आप हाई क्लास से हों या लोअर क्लास से। चाहे अमीर हों या गरीब, गोरे हों या काले। आप किसी भी तरह के हों।”

“जहां से मैं आया था, वो एक लोअर क्लास एरिया था। इस वजह से मुझे काफी परेशान किया गया था। अगर आप सीधे बच्चे हैं तो लोग आपको ज्यादा परेशान करते हैं और मैं ऐसा ही अच्छा बच्चा था। मैं स्कूल में थोड़ा आलसी था लेकिन कभी किसी को परेशान नहीं करता था। इस वजह से वहां के लोगों ने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया था। मैं ऐसा बच्चा था, जिसके पड़ोसी अच्छे नहीं थे।”

लोगों ने डराया-धमकाया और पीटा

Agilan Thani's Childhood Photo

थानी की स्कूल लाइफ बहुत आसान नहीं थी। किशोरावस्था में ही उनका वजन 139 किग्रा हो गया था इसलिए क्लास के बच्चे वजन को लेकर अक्सर उन्हें बहुत परेशान किया करते थे।

उन्हें “फैट बॉय” और “कुंग फू पांडा” नाम से हर समय चिढ़ाया जाता था। हर वक्त स्कूल के बच्चे उन्हें परेशान करने के मौके तलाशते रहते थे।

उन्होंने हंसते हुए बताया, “क्योंकि मैं काफी मोटा था इसलिए मेरी छाती महिलाओं की तरह दिखती थी।”

“मेरा सीना मर्दों की तरह नहीं था इसलिए लोग मेरा काफी मजाक बनाया करते थे। वे मेरे शरीर को लेकर अभद्र तरह की बातें किया करते थे। इस तरह वे स्कूल में मुझे रोज परेशान किया करते थे। अगर मैं पलटकर कुछ जवाब देता था तो वे सीने में चुटकी काटकर भाग जाया करते थे।”

ये बातें बताते हुए “एलीगेटर” भले ही अब हंसते हों लेकिन उस समय लगातार चिढ़ाए जाने से वो काफी परेशान रहते थे।

उन्होंने बताया, “इस तरह की छेड़खानी पूरे टाइम के 90 प्रतिशत वक्त में हुआ करती थीं।”

“कभी-कभी मैं रोता भी था। मैं अक्सर सोचता था कि मेरे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है। दरअसल, इस तरह की चीजें लंबे समय से होती आ रही थीं। इस वजह से लोगों ने हमेशा ही मेरा मजाक उड़ाना शुरू कर दिया था।”

एक समय आया जब उन्होंने अपने पिता को इस बारे में चुपके से बताया और इस पर सलाह मांगी लेकिन इससे उन्हें सहानुभूति नहीं मिली। उनके पिता ने सोचा था कि थानी को खुद के लिए खड़ा होना होगा।

थानी को याद है, “पहली बार जब मैंने पिता को चिढ़ाए जाने के बारे में बताया तो उन्होंने मुझसे कहा कि अगर अगली बार तुमने इस परेशानी के बारे में मुझे बताया तो मैं तुम्हे थप्पड़ जड़ दूंगा। तुम्हें खुद अपनी परेशानी को दूर करना नहीं आता है। मैं तुम्हारी मदद तब करूंगा, जब ये समस्या तुम्हारे हाथ से बाहर हो जाएगी।”

इसके बाद थानी ने अपने पिता को किसी भी परेशानी के बारे में नहीं बताया। इसकी बजाय उन्होंने अपने ज्यादा वजन से छुटकारा पाया।

मार्शल आर्ट्स से मिली मंजिल

Agilan Thani in Circle

थानी को डोनी येन की SPL: Sha Po Lang फिल्म बहुत अच्छी लगती थी इसलिए उन्होंने खुद को फिट रखने के लिए मार्शल आर्ट्स का सहारा लिया।

उन्हें सफलता पाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। आत्मरक्षा के लिए उन्होंने कराटे सीखना शुरू किया लेकिन कुछ ही क्लासेज होने की वजह से उन्हें कामयाबी नहीं मिली, जो वो चाह रहे थे। इसके बाद उन्हें ब्राजीलियन जिउ-जित्सु ने काफी प्रभावित किया। हालांकि, वो जिस जिम में पहली बार गए, उसके लिए इतने पैसा नहीं थे। ये उनकी किस्मत ही थी कि ऐसा नहीं हुआ। फिर उन्होंने 16 साल की उम्र में Monarchy MMA जिम खोजा और वहां गए।

उन्होंने बताया, “मैं वहां गया और वास्तव में मेरे लिए बहुत सी चीजें बदलने लगीं।”

“वहां मैं अपनी पहली दो क्लासों में काफी तेजी से सीखने लगा था। फिर मुझे लगा कि मुझे मेरा जुनून मिल गया है। इसके बाद मैं आगे बढ़ता रहा और बेहतर होता गया।”

“एलीगेटर” ने शुरुआती दो महीनों की ट्रेनिंग में ही 6 किलो वजन कम कर लिया था। इससे उन्हें जो आत्मविश्वास मिला, उससे वो परेशान करने वालों का मुकाबला करने में सफल रहे। फिर उन लोगों ने थानी को परेशान करना बंद कर दिया। बाद में उन्होंने जिम में भी पसीना बहाना शुरू कर दिया। उन्होंने रोज मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेनी शुरू की और उनका लगातार वजन घटता गया।

वो जब 18 साल के हुए, तब अपनी काबिलियत एमेच्योर प्रतियोगिता में अजमाने के लिए उतरे। एक ही साल में उन्होंने लगातार पांच बाउट्स जीतीं। इसमें से चार बाउट्स स्टॉपेज के जरिए जीती थीं, जो MIMMA वेल्टरवेट खिताब जीतने के लिए शामिल थीं। ये उनका ONE Championship का टिकट भी था।

उन्होंने जब मार्च 2015 में ONE: AGE OF CHAMPIONS में दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में अपनी शुरुआत की, तब एक प्रोफेशनल के तौर पर उनका स्कोर सिर्फ 1-0 ही था। वो इस मौके से ज्यादा खुश नहीं थे।

पहले राउंड में तकनीकी नॉकआउट से जीत का जो उनका सिलसिला शुरू हुआ, तो उन्होंने ग्लोबल स्टेज पर स्टॉपेज से 6 और जीत दर्ज कर डालीं। इसने थानी को बेन “फंकी” एस्क्रेन के खिलाफ ONE वेल्टरवेट वर्ल्ड टाइटल के लिए बाउट करने का मौका दिला दिया। ये उनके लिए काफी बड़ी उपलब्धि थी लेकिन उस मैच में “एलीगेटर” को जीवन में पहली बार हार का मुंह देखना पड़ा।

इस युवा एथलीट ने माना, “उस समय मैं सातवें आसमान पर था।”

“मैंने जब एस्क्रेन को देखा तो मैं भौंचक्का रह गया था। मेरा मैच दुनिया के सबसे अच्छे विरोधी से था। उस मैच में मुझे खुद पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए था लेकिन मैं नहीं कर पाया।”

बड़े खिलाड़ियों के बीच वापसी

हार के बावजूद थानी की कहानी ने पूरे मलेशिया को प्रभावित किया और वो युवाओं के रोल मॉडल बन गए।

मलेशियन इंडियन कांग्रेस (एमआईसी) ने उनकी उपलब्धियों को पहचाना और उनकी अमेरिका यात्रा को स्पॉन्सर किया, ताकि वो विश्व की जानी-मानी Team Quest के साथ काम कर सकें और जीत की राह पर वापस लौट सकें।

उसके बाद से वो लगातार ट्रैवल करके तगड़े विरोधियों की काबिलियत सीखते रहते हैं और घर लौटकर अपनी ट्रेनिंग को धार देते हैं। उन्होंने चार धमाकेदार जीत से वापसी की और टॉप पर पहुंचने के लिए दांव लगाया।

उन्होंने बताया, “उस वक्त मैं ऐसी स्थिति में था कि बड़े विरोधियों से मुकाबला करता रहूं। मुझे तगड़े एथलीटों से लड़ना ही था, ताकि मैं खुद को मानसिक और शारीरिक तौर पर तैयार कर सकूं।”

अब थानी की स्किल्स और मानसिक दशा सही दिशा में जा रहे हैं। ऐसे में वो मलेशिया के युवाओं के लिए ऐसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं, जिससे ये मालूम हो जाए कि कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

अब उनका उद्देश्य दूसरा वर्ल्ड टाइटल जीतने का मौका तलाशना है, ताकि वो भी गोल्डन बेल्ट पहन सकें। इससे भी ज्यादा वो ऐसी विरासत छोड़कर जाना चाहते हैं, जो उनके देशवासियों को प्रभावित करे और उनके रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करे।

उन्होंने कहा, “मुझे लगातार जीतते रहना होगा, ताकि दुनिया के नक्शे पर मेरा देश भी चमके। इस तरह से और ज्यादा लोगों को वो करने का मौका मिलेगा, जो मैं कर रहा हूं।”

“मैं चाहता हूं कि लोग मुझे याद करें कि मैंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को मलेशिया में बढ़ाने में मदद की, ताकि नए लोग भी इसी रास्ते पर चल सकें। मैं चाहता हूं कि मलेशिया के लोग भविष्य में इस खेल को अपना सकें और ये कहें कि हम ये खेल भी खेल सकते हैं।”

“मेरा लक्ष्य है कि मैं और बेहतरीन प्रदर्शन करूं, ताकि ये सबको पता चल सके कि सेंतुल से आया एक छोटा सा लड़का था, जिसने ONE Championship में विश्व के सबसे बड़े मंच पर मुकाबला किया।”

ये भी पढ़ें: अगिलान थानी मलेशिया के बाहर जाकर अपनी स्किल्स को अलग स्तर पर लेकर जाएंगे

विशेष कहानियाँ में और

Avazbek Kholmirzaev Robson de Oliveira ONE Friday Fights 107 29 scaled
fabatar
Marcelo Garcia Masakazu Imanari ONE 170 24 scaled
Yuki Yoza Superlek ONE 173 18 scaled
Nadaka Numsurin Chor Ketwina ONE 173 33 scaled
ONE173 0328 scaled
Rodtang Jitmuangnon Takeru Segawa ONE 172 127 scaled
Rodtang Jitmuangnon Takeru Segawa ONE 172 32 scaled
ONE173 0451 scaled
Numsurin Chor Ketwina Paeyim Sor Boonmeerit ONE Friday Fights 113 33 scaled
Roman Kryklia Lyndon Knowles ONE Fight Night 30 52 scaled
Abdulla Dayakaev Nontachai Jitmuangnon ONE Fight Night 33 3 scaled