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MIMMA फेदरवेट चैंपियन किआनू सूबा के पिता नेपाल और मां मलेशिया से संबंध रखती हैं। इसी कारण अक्सर स्कूली शिक्षा के दिनों में उनका मज़ाक भी उड़ाया जाता था। सूबा ने अपनी पहचान को स्वीकार किया और जल्द ही उनके साथी भी उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखने लगे थे।
उनके मार्शल आर्ट्स सफर की शुरुआत टायक्वोंडो की ट्रेनिंग से हुई और उस स्पोर्ट में कई स्वर्ण पदक भी जीते। उनकी स्किल्स अमेरिका में हाई स्कूल की पढ़ाई शुरू करने से पहले तक कुछ खास नहीं हुआ करती थीं। वहां जाकर उन्हें और उनके भाई जियानी को मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के बारे में पता चला। उनके भाई जियानी अब ONE Championship के टॉप फ्लाइवेट एथलीट्स में से एक हैं। सूबा भाइयों के अंदर प्रतिबद्धता की कोई कमी नहीं थी, लेकिन वो अच्छे जिम में दाखिला लेने में उस समय समर्थ नहीं थे। उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो देखनी शुरू कीं और नए-नए मूव्स को एक-दूसरे पर लगाने का प्रयास करते। ये तब तक चलता रहा जब तक उन्हें अपने कज़िन के कैंसर से पीड़ित होने के बारे में पता नहीं चला। इसलिए उन्होंने अपने कज़िन को उनके जीवन के आखिरी कुछ समय में सांत्वना देने के लिए मलेशिया वापस आने का निर्णय लिया।
मलेशिया वापस आकर उन्हें वो जिम मिला जिसका खर्च वो उठा सकते थे, अंततः उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की। 6 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उन्हें मलेशियाई स्टार एजे लियास मंसूर के खिलाफ अपना पहला मैच मिला। उस मैच में उन्हें हार मिली लेकिन उनके कज़िन ने स्वर्ग सिधारने से पहले किआनू सूबा को प्रोत्साहित किया। यहां से सूबा के करियर ने रफ्तार पकड़ी और 2 बार के MIMMA फेदरवेट चेयाम्पियन बने और आगे चलकर ONE Championship से आ जुड़े। ग्लोबल स्टेज पर डेब्यू के बाद से वो कई टॉप लेवल के एथलीट्स को पहले ही राउंड में फिनिश भी कर चुके हैं।