सामेत अगदेवे ने ONE Fight Night 37 में रोमन क्रीकलिआ को हराकर दुनिया को चौंकाने की शपथ ली – ‘मरो या मारो’
अपराजित हेवीवेट धुरंधर सामेत “द किंग” अगदेवे का आगमन हो गया है।
टर्किश सनसनी शनिवार, 8 नवंबर को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में होने वाले ONE Fight Night 37 में डेब्यू करते हुए दो खेलों के ONE वर्ल्ड चैंपियन रोमन क्रीकलिआ को पहले ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल के लिए चैलेंज करेंगे।
यूक्रेनियाई सुपरस्टार के खिलाफ आई जीत मार्शल आर्ट्स जगत में तहलका मचा देगी, लेकिन इसके साथ ही वो अपने सपने को भी पूरा कर पाएंगे।
उन्होंने कहा:
“मैं उत्साहित, खुश और भूखा हूं। मैं इस फाइट का इंतजार कर रहा हूं। मैं पहले से कहीं ज्यादा तैयार हूं।”
इस खतरनाक नॉकआउट आर्टिस्ट ने 17 लगातार जीतों में 12 को स्टॉपेज से जीतकर अपनी खास पहचान बनाई है।
लेकिन उनके सामने खड़े होंगे छह फुट और सात इंच लंबे क्रीकलिआ, जिन्हें अभी तक प्रमोशन में कोई भी मात नहीं दे पाया है।
अगदेवे ने क्रीकलिआ के व्यक्तित्व के बारे में बताया:
“रोमन क्रीकलिआ एक अच्छे फाइटर हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन अभी तक उनका सामना मेरे जैसे से नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि उनके सिर के पास का एरिया कमजोर है। वो ठोड़ी पर शॉट्स खाने से डरते हैं और पीछे हो जाते हैं।”
उनका आत्मविश्वास सालों की कठिनाइयों, परेशानियों और खुद में भरोसे की वजह से आया है।
इसी मानसिकता की वजह से वो तुर्की से जर्मनी गई और अब दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में इतिहास रचने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने बताया:
“मैं एक निडर फाइटर हूं। कभी-कभी मैं खुद से डर जाता हूं।
“मैं उन्हें हाई किक नहीं बल्कि हाई पंच से नॉकआउट करूंगा। उनके पास मेरे खिलाफ कोई चांस नहीं हैं। मेरे एक ही नारा है: मरो या मारो।”
अगदेवे ने बताया कि ONE Championship बेल्ट उनकी जिंदगी बदल देगी
ONE Fight Night 37 में ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल जीतना सिर्फ एक उपलब्धि नहीं होगी बल्कि ये सामेत अगदेवे की अब तक की जद्दोजहद का फल होगा।
अपराजित सनसनी का हमेशा से सपना रहा है कि वो दुनिया की सबसे बड़ी स्टेज पर बेल्ट जीतें।
तुर्की में बचपन के दौरान उन्होंने अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनकी मां को कैंसर था, पिता लंबे घंटों तक कंस्ट्रक्शन में काम करते थे और पैसों की बहुत तंगी थी।
उन्होंने कहा:
“मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा अकेलापन है। बचपन से ही मैं अकेला रहा हूं। ये फाइट मेरे लिए बदले जैसी है। मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा मेरा बचपन है।
“मैं गलियों में सोता था। मुझे चाकू के हमले का शिकार होना पड़ा। मैं भूखा रहा। मैंने कंस्ट्रक्शन में काम किया। रात में मैंने सिक्योरिटी में काम किया। उस समय मेरी पत्नी ने मेरा साथ दिया और मैं उनका कर्ज नहीं उतार सकता।”
यही बात उन्हें तुर्की से जर्मनी लेकर आई। यहां जीवन ने उनकी कड़ी परीक्षा ली और ढेरों घंटे काम किया ताकि खुद को लगातार आगे बढ़ा सकें।
लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी मां ने हमेशा कहा कि लगातार आगे बढ़ते रहो और एक दिन दुनिया को अपनी कहानी बताना।
21 वर्षीय स्टार ने याद करते हुए कहा:
“मेरी मां कहती थी कि ‘जब तुम आगे बढ़ोगे तो ये कहानियां बताना’ और मैंने वादा कि था कि मैं बताऊंगा। मुझे नहीं पता था कि ये इतना जल्दी होगा, लेकिन मैं ऊपर वाले की कृपा से यहां हूं।
“अब समय आ गया है कि दुनिया मेरा नाम जाने। इंतजार करिए। मेरा समय आ गया है।”