रोमन क्रीकलिआ ONE Fight Night 37 में सामेत अगदेवे के खिलाफ तीसरे वर्ल्ड टाइटल के लिए उत्सुक – ‘मैं इतिहास रचना चाहता हूं’
दो खेलों के ONE वर्ल्ड चैंपियन रोमन क्रीकलिआ जब ONE Championship रिंग में उतरेंगे तो उनकी नजर इतिहास रचने पर होगी।
शनिवार, 8 नवंबर को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में छह फुट छह इंच लंबे यूक्रेनियाई सुपरस्टार्स वापसी करते हुए अपराजित टर्किश सनसनी सामेत “द किंग” अगदेवे का सामना ONE Fight Night 37 में पहले ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल के लिए करेंगे।
लाइट हेवीवेट किकबॉक्सिंग और हेवीवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन का दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में बेदाग रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने अभी तक सभी सात मैचों में जीत दर्ज की हैं, जिसमें छह जबरदस्त फिनिश हैं। साल 2018 से अब तक वो लगातार 15 फाइट अपने नाम कर चुके हैं।
उनका दबदबा अप्रैल में हुए ONE Fight Night 30 में देखने को मिला, जब उन्होंने पूर्व WBC वर्ल्ड चैंपियन लिंडन नोल्स को पहले राउंड में तीन बार नॉकआउट कर अपने हेवीवेट मॉय थाई खिताब का कामयाबी के साथ बचाव किया।
काफी लोग सोच सकते हैं कि उनके लिए दो बेल्ट काफी हैं, लेकिन क्रीकलिआ का लक्ष्य तीसरी बेल्ट अपने नाम करने का है।
Champ Belts टीम के प्रतिनिधि ने कहा:
“जब आप चैंपियन बनते हैं तो समय के साथ दबाव महसूस करते हैं। लोग मुझे दुनिया के सबसे प्रभावशाली हेवीवेट स्ट्राइकर के रूप में देखते हैं। ये दबाव बनाता है, लेकिन मुझे मेरे अनुशासन की वजह से फर्क नहीं पड़ता।
“मैं चाहता हूं कि लोग मुझे दुनिया के सबसे तकनीकी हेवीवेट स्ट्राइकर के रूप में याद रखें।”
सबसे बेहतर होने की बात क्रीकलिआ को कभी चैन से बैठने नहीं देती। दो खेलों के चैंपियन को अभी अपनी ट्रॉफी केस में बेल्टों की संख्या में इजाफा करना है। वो हर कामयाबी को महानता की सीढ़ी का एक और कदम मानते हैं।
जहां एक तरफ दूसरे एथलीट खुद को हल्के में लेने लगते हैं, वहीं क्रीकलिआ के अंदर की ज्वाला उन्हें बेहतर से बेहतरीन बनाने की तरफ बढ़ाती है:
“मुझे कभी प्रेरणा की समस्या नहीं रही। मेरा अनुशासन ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है। मैं दिखाना चाहता हूं कि मैं क्या कर सकता हूं।
“मैं इतिहास रचना चाहता हूं। मैं लोगों का ध्यान हेवीवेट की तरफ खींचना चाहता हूं। इसलिए मैं भूखा हूं और आगे बढ़ रहा हूं।”
निरंतर खुद में सुधार की तरफ क्रीकलिआ का ध्यान
क्रीकलिआ के नॉकआउट्स, रिकॉर्ड और वर्ल्ड टाइटल की संख्या उनकी कहानी के सिर्फ एक पहलू को बयां करती है, लेकिन असली काम जिम में लगता है, जब उन्हें कोई नहीं देख रहा होता।
कॉम्बैट स्पोर्ट्स में परफेक्शन जैसे कोई चीज नहीं होती और दो खेलों व दो डिविजन के चैंपियन इस बारे में अच्छे से जानते हैं।
क्रीकलिआ खुद को महानतम स्ट्राइकर मानने से इंकार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि जब एक फाइटर खुद की वाहवाही में पड़ जाए तो वो सुधार करना बंद कर देता है:
“मैं कभी नहीं कह सकता कि मैं सबसे महान हूं। क्योंकि मैं एक फाइट से दूसरी फाइट, एक समय से दूसरे समय बेहतर होने का प्रयास करता हूं।
“मैंने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर्स का सामना किया है। मुझे जो चीज अलग बनाती है वो है मेरे कोच में मेरा विश्वास, अनुशासन और जीतने की इच्छा।”
यूक्रेनियाई सुपरस्टार के लिए अब तक का सफर बेहद चुनौती भरा रहा है। अभी तक किए गए त्याग ने उन्हें इस लम्हे तक पहुंचाया है।
8 नवंबर को सामेत अगदेवे पर आई जीत उनकी विरासत को और आगे लेकर जाएगी।
34 वर्षीय सुपरस्टार ने अंत में कहा:
“जब वे मेरे कंधे पर नई बेल्ट रखते हैं तो इसका मतलब है कि मैंने स्ट्राइकिंग जगत के शिखर पर पहुंचने के लिए एक कदम और बढ़ा दिया है और मैं इस जगह पहुंचना चाहता हूं।”