कैसे चिंगिज़ अलाज़ोव दुनिया के बेस्ट पाउंड-फोर-पाउंड किकबॉक्सर बने

chingiz allazov celebrates his world title win

चिंगिज़ “चिंगा” अलाज़ोव का ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन बनने तक का सफर शानदार रहा है और अब उनके सामने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में अपनी बेल्ट को डिफेंड करने की चुनौती होगी।

बेलारूसी एथलीट अगर शनिवार, 5 अगस्त को होने वाले ONE Fight Night 13 के बाद भी चैंपियन बने रहना चाहते हैं तो उन्हें #2 रैंक के कंटेंडर मरात ग्रिगोरियन को हराना होगा।

अलाज़ोव ने इसी साल सुपरबोन सिंघा माविन को दूसरे राउंड में नॉकआउट करते हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी।

डेब्यू में निराशाजनक हार

“चिंगा” ने अप्रैल 2021 में एनरिको केह्ल के खिलाफ अपना प्रोमोशनल डेब्यू किया, जहां उनसे लोगों को काफी उम्मीदें थीं। मगर उस मुकाबले में अलाज़ोव को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हार झेलनी पड़ी।

29 वर्षीय स्टार को विभाजित निर्णय से हार मिली। इसलिए उन्होंने खूब सोच-विचार के बाद नए प्लान के साथ आगे बढ़ने का फैसला लिया और जानते थे कि उन्हें बदलावों की जरूरत है।

अलाज़ोव ने कहा:

“मेरी एनरिको के खिलाफ हार के बाद मैंने केवल खेल और परिवार पर ध्यान देना शुरू किया। मैं आमतौर पर इनके बीच में रहता था, लेकिन हार के बाद काफी कुछ बदल गया।

करीब 20 सालों तक मैं एक ही तरीके से ट्रेनिंग करता रहा और हर रोज अभ्यास किया। मैंने ट्रेनिंग पर ध्यान लगाया, लेकिन एनरिको के खिलाफ मैच से पूर्व हम करीब 2 सालों तक COVID से घिरे रहे। मेरा दिमाग उस समय अपने बिजनेस और पैसे कमाने पर था।”

अलाज़ोव जानते थे कि उन्हें कॉम्बैट खेलों के सबसे कठिन डिविजन में आगे बढ़ना है तो उन्हें केवल फाइटिंग पर ध्यान लगाना होगा।

अपनी प्राथमिकताओं का अहसास हुआ  

उसके बाद जो हुआ वो ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन के लिए एक यादगार सफर बना। उन्होंने अपने बिजनेस को किनारे करते हुए केवल दुनिया का सबसे बेस्ट किकबॉक्सर बनने पर ध्यान लगाया।

मगर अपनी असली प्रतिभा को पहचानने के लिए उन्हें अपने सबसे करीबी व्यक्ति की सलाह मिलनी जरूरी थी।

अलाज़ोव ने कहा:

“मैंने अपने कोच आंद्रे के साथ बात की। उन्होंने कहा, ‘चिंगिज़, तुम दुनिया के बेस्ट फाइटर्स में से एक बन सकते हो, शायद दुनिया के नंबर-1 पाउंड-फोर-पाउंड फाइटर भी बन पाओ। मगर तुम केवल फाइटिंग पर ध्यान नहीं दोगे तो कभी बेस्ट नहीं बन पाओगे। उन्होंने कहा, ‘मुझपर भरोसा रखो।’

“मैंने बिजनेस पर ध्यान देना बंद किया, जिसके कारण पैसे का घाटा भी हुआ। मगर मेरे जीवन में समस्या पैसे की नहीं थी, पैसा इतना महत्व नहीं रखता। मेरे जीवन में पैसा पहली प्राथमिकता नहीं है।”

उनकी पहली प्राथमिकता दुनिया को अपनी स्किल्स से वाकिफ कराने की थी। दुनिया में टैलेंट की कद्र ना होना सबसे बेकार चीज़ है। रॉबर्ट डी नेरो ने चाहे 1993 में “ए ब्रॉन्क्स टेल” नाम की क्लासिक फिल्म बनाई हो, लेकिन बेलारूसी स्ट्राइकर ने उस कहानी को ONE में सच साबित करके दिखाया है।

अलाज़ोव ने उसी साल ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री क्वार्टरफाइनल में वापसी की, जहां उन्होंने सैमी सना को केवल 39 सेकंड में फिनिश किया। वो इस डिविजन में फ्रेंच-अल्जीरियाई एथलीट को फिनिश करने वाले पहले एथलीट बने थे।

वर्ल्ड चैंपियन बनने का सफर  

टूर्नामेंट में सना की चुनौती को पार करने के बाद “चिंगा” ने सेमीफाइनल में “स्मोकिन” जो नाटावट को नॉकआउट कर अपनी शानदार लय को बरकरार रखा।

वहीं ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री फाइनल में उन्होंने सिटीचाई सिटसोंगपीनोंग पर सर्वसम्मत निर्णय से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

सिटीचाई को हराकर सिल्वर बेल्ट जीतने के बाद अलाज़ोव ने अपना ध्यान सुपरबोन के वर्ल्ड टाइटल पर लगाया।

वहीं इस साल जनवरी में “चिंगा” ने सुपरबोन को दूसरे राउंड में नॉकआउट कर अपने सपने को पूरा किया और साथ ही खुद को दुनिया के बेस्ट पाउंड-फोर-पाउंड किकबॉक्सर के रूप में स्थापित भी किया।

2021 की हार के बावजूद अलाज़ोव ने कभी अपनी काबिलियत पर संदेह नहीं किया।

बेलारूसी एथलीट ने कहा:

“मैं दुनिया का नंबर-1 किकबॉक्सर बना। सुपरबोन को हराने का मतलब मैंने सभी बेस्ट फाइटर्स को हरा दिया है।

“सुपरबोन के खिलाफ मैच से पूर्व एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि मैं नंबर-2 और सुपरबोन नंबर-1 हैं। मैंने कहा, ‘मुझे कम मत आंकिए।’

“मैंने 8 महीनों तक हर रोज उस फाइट के लिए खुद को तैयार किया। मेरा दिमाग रोज उन्हीं के बारे में सोचता और जब समय आया तो मैंने सबको चौंका दिया।”

पुराने प्रतिद्वंदी से बदला लेना चाहते हैं

अलाज़ोव अब चैंपियन बन चुके हैं और अब उनके पास एक ऐसी उपलब्धि हासिल करने का मौका है, जिसे वो अब तक प्राप्त नहीं कर सके हैं और वो उपलब्धि है मरात ग्रिगोरियन को हराना।

उनकी पहली भिड़ंत करीब 10 साल पहले हुई थी, जिसे नो-कॉन्टेस्ट करार दिया गया। वहीं दूसरे मैच में ग्रिगोरियन ने सर्वसम्मत निर्णय से जीत प्राप्त की।

अब अलाज़ोव अपने करियर के चरम पर हैं और उन्होंने उस जीत को हासिल करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है, जिसका उन्हें लंबा इंतज़ार करना पड़ा है।

उन्होंने कहा:

“यही जीवन है। आप किसी मैच के लिए 100 प्रतिशत तैयार हो सकते हैं, लेकिन भगवान ने शायद आपके लिए अन्य प्लान तैयार किया हो। ये समझना जरूरी है कि जिंदगी आसान नहीं होती और ये खेल बहुत खतरनाक है। फिलहाल मेरा ध्यान केवल मरात पर है।”

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