रेगिअन इरसल ने अपने करियर के सबसे बुरे दौर को याद किया – ‘मैं बस टूट गया और रोने लगा’
अधिकतर प्रोफेशनल फाइटर्स के लिए अपराजित रिकॉर्ड कामयाबी का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन जब रेगिअन “द इम्मोर्टल” इरसल 19 वर्षीय और 7-0 के रिकॉर्ड पर थे तो उन्होंने मार्शल आर्ट्स को छोड़ने का मन बना लिया था।
मौजूदा ONE लाइटवेट मॉय थाई और किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन की शिखर पर पहुंचने की कहानी में ढेर सारी चुनौतियां रही हैं। एक समय डच-सूरीनामी एथलीट खेल को छोड़ रहे थे, जिसमें आगे चलकर वो ग्लोबल सुपरस्टार बने।
इससे पहले कि वो 2 अगस्त को बैंकॉक, थाईलैंड के लुम्पिनी स्टेडियम में होने वाले ONE Fight Night 34 के मेन इवेंट में जॉर्ज “जी-यूनिट” जार्विस के खिलाफ अपने मॉय थाई खिताब को डिफेंड करें, उनकी कामयाबी के रास्ते में आई मुश्किलों पर गौर करते हैं।
अंधकार भरा पल
कॉम्बैट स्पोर्ट्स में अपराजित रिकॉर्ड कामयाबी या करियर में स्थिरता को हमेशा नहीं दर्शाता। ONE Championship में शामिल होने से सालों पहले उन्हें मैनेजमेंट की समस्याओं और रद्द हुई फाइट्स के बाद आर्थिक तौर पर मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा।
सूरीनाम में जन्मे स्ट्राइकर फाइटिंग की कमाई के दम पर अपना घर चला रहे थे। लेकिन जब फाइट्स बंद हुईं तो चीजें बदतर होती चली गईं।
उन्होंने याद करते हुए बताया:
“बहुत समय पहले मुझे लगता है मैं 19 या 20 साल का था, मैं प्रोफेशनल करियर में अपराजित था। मेरी सात फाइट्स थीं। मैंने अपने मैनेजर से रिश्ता तोड़ दिया था क्योंकि वो मेरे लिए फाइट्स बुक नहीं कर रहे थे या वो मेरे लिए फाइट्स बुक करते, लेकिन प्रतिद्वंदी फाइट कैंसल कर देते या मुझसे फाइट करना नहीं चाहते थे।
“मैं अपनी फाइटिंग से गुजारा कर रहा था। मैं अपने माता-पिता के साथ नहीं रह रहा था। मैं अकेला था। आठ, नौ महीने तक मेरी कोई फाइट नहीं हुई और मेरे लिए ये बहुत लंबा समय था क्योंकि पहले मैं महीने में एक या महीने में दो बार फाइट करता था।”
इरसल फाइट्स ना होने के बावजूद लगातार ट्रेनिंग में जुटे हुए थे और इसने हालात को और बिगाड़ दिया। हर गुजरते दिन के साथ उनका बैंक अकाउंट खाली होता जा रहा था।
उनके लिए हालात काफी बुरे हो चले थे। हर महीने फाइट करने वाले स्ट्राइकर के करियर में अचानक सूखा आ गया था।
उन्होंने बताया:
“ये मेरी जिंदगी का सबसे बुरा दौर था क्योंकि मेरी कोई आमदनी नहीं थी, कोई फाइट नहीं थी। मैं वो चीजें नहीं कर सकता था जो करना मुझे पसंद था और मैं अभी भी जिम जाता था दिन में एक-दो बार। एक वक्त पर मैं सोच रहा था, ‘मैं ये और नहीं कर सकता। कोई फाइट, आमदनी नहीं।’ और मुझे अभी भी रोज जिम जाना पड़ता था और मेरे पास पैसे नहीं थे। मैं इतना नीचे था कि मेरे पास अपना किराया भरने तक के पैसे नहीं थे।”
जब इरसल पूरी तरह टूट गए
किसी सपने को पूरा करने के मानसिक दबाव के साथ-साथ आर्थिक परेशानी बड़े से बड़े धुरंधर को भी तोड़ देती है। इरसल के लिए ऐसा पल ट्रेनिंग सेशन के दौरान आया।
इरसल ने कहा:
“एक बार मैं ट्रेनिंग कर रहा था, मैं बैग को किक कर रहा था और मैं सोच रहा था जोर से, तेज से, जोर से, तेज से। और मैं बस टूट गया और रोने लगा। मेरे ट्रेनर ने कहा, ‘क्या बात है?’ मैंने उन्हें बताया कि मैं उस मुकाम पर था कि छोड़ने वाला था। उन्होंने कहा, ‘सुनो, हम बात करेंगे। बैठ जाओ।'”
उस पल में सालों की मेहनत और तपस्या का कोई मतलब नजर नहीं आ रहा था। अपराजित स्टार महीने में एक-दो बार फाइट करते थे और अब वो इस खेल को पूरी तरह छोड़ने के लिए तैयार थे।
अगर उनके कोच पॉल और विंसेंट पेंगेल नहीं होते तो शायद वो आज इस तरह के फाइटर नहीं बन पाते।
उन्होंने बताया:
“हमारी एक लंबी बातचीत हुई। मैंने उन्हें बताया कि मैं छोड़ना चाहता हूं क्योंकि मेरे लिए अब (ट्रेनिंग करने का) कोई मतलब नहीं है। मेरे पास पैसे नहीं हैं, फाइट्स नहीं हैं, आमदनी नहीं है।”
भरोसे की ताकत
इसके बाद जो हुआ, उसने इरसल के करियर और जिंदगी की दशा और दिशा दोनों बदल दीं। उनके ट्रेनर ने झूठे दिलासे नहीं दिए बल्कि विश्वास और समर्थन दिया।
इरसल ने याद करते हुए कहा:
“उन्होंने कहा, ‘सुनो, तुम्हारे पास बहुत टैलेंट है। फाइट्स और पैसे आएंगे। बस तुम्हें धैर्य रखना होगा।’ उन्होंने मुझसे कहा कि वो उस महीने मेरा किराया भर देंगे ताकि मैं महीने भर ट्रेनिंग कर सकूं। फिर वो एक फाइट की तलाश करने वाले थे। मेरे ट्रेनर्स ने मुझे प्रेरित किया और इस हालात से निकालने में मदद की।”
ये आर्थिक और मानसिक भरोसा उनके करियर को बदल देने वाला पल बन गया और इसके कारण इरसल को ONE Championship गोल्ड हासिल हुआ। कोच ने उनके एक महीने के किराये में इन्वेस्ट नहीं किया था बल्कि ये उनके भविष्य के ONE वर्ल्ड चैंपियन बनने की इन्वेस्टमेंट थी।
इस बातचीत के बाद इरसल ने एक और महीना जिम में जमकर पसीना बहाया और यही उनकी इंटरनेशनल कामयाबी का कारण भी बना।
इरसल ने कहा:
“अब हम साथ में दुनिया भर में जा चुके हैं। उस पल के बाद से मैंने विदेशों में जाकर फाइट कीं। और वहां से सब कुछ अच्छा होता चला गया।”