कैसे माइकी मुसुमेची की मां ने अनजाने में अपने बेटे को BJJ वर्ल्ड चैंपियन बना दिया – ‘उन्हें ये बिलकुल भी पसंद नहीं था’
![Mikey Musumeci Jarred Brooks ONE Fight Night 13 72](https://cdn.onefc.com/wp-content/uploads/sites/7/2023/08/Mikey-Musumeci-Jarred-Brooks-ONE-Fight-Night-13-72.jpg)
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) में जीवन भर प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा के बाद, इसमें कोई संदेह नहीं है कि ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियन माइकी “डार्थ रिगाटोनी” मुसुमेची को जीवन में अपनी पहचान मिल गई है। हैरानी की बात ये है कि उनकी मां को हमेशा से अपने बेटे के मार्शल आर्ट्स करियर से एतराज था।
शनिवार, 8 जून को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के इम्पैक्ट एरीना में अमेरिकी प्राइमटाइम के दौरान ONE 167 में न्यू जर्सी के खिलाड़ी बेंटमवेट डिवीजन में जाकर एक दिलचस्प गैर-टाइटल सबमिशन ग्रैपलिंग मुकाबले में प्रमोशन में डेब्यू कर रहे गेब्रियल सूसा से भिड़ेंगे।
मुसुमेची ने 4 साल की उम्र में ही BJJ का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था और व्यावहारिक रूप से अपना पूरा बचपन ट्रेनिंग और प्रतिस्पर्धा में बिताया, जिससे उन्होंने खुद को एक ग्रैपलिंग सनसनी के रूप में स्थापित किया। हालांकि, उनके शुरुआती दिनों में उनकी मां ने उनका साथ नहीं दिया था।
पांच बार के IBJJF वर्ल्ड चैंपियन ने onefc.com को बताया:
“मेरी मां कभी नहीं चाहती थीं कि मैं इसमें प्रतिस्पर्धा करूं। तब मैं 12-13 साल का था। वो कहती थीं, ‘कृपया, अब और प्रतिस्पर्धा मत करो।’ उन्हें ये बिलकुल भी पसंद नहीं था, वो मुझे प्रतिस्पर्धा करते हुए देख डरती थीं।”
मुसुमेची की मां ने जब देखा कि उनके बेटे को चोक, आर्मबार, शोल्डर लॉक इत्यादि का सामना करना पड़ता है, तब उन्होंने कहा कि वो उन्हें केवल एक टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति देंगी।
लेकिन युवा सनसनी जीतते रहे। उन्होंने जब उत्तर अमेरिकी ग्रेपलिंग एसोसिएशन (NAGA) में चैंपियनशिप बेल्ट जीती तो उन्हें प्रतियोगिता से वंचित रखना असंभव था।
“डार्थ रिगाटोनी” ने याद किया:
“उन्होंने कहा ‘ठीक है, कृपया बस एक और टूर्नामेंट जीतो और फिर कोई प्रतिस्पर्धा मत करो।’ मैं उस समय NAGA में प्रतिस्पर्धा करने वाला था, और मैंने कहा, ‘मां, मुझे एक और बेल्ट चाहिए।’ मैंने एक और बेल्ट जीती, इसलिए मैंने फिर से फाइट लड़ी और फिर एक और बेल्ट जीता।
“और फिर मैं कहता कि, ‘रुको, रुको, कृपया एक और टूर्नामेंट!’ और फिर मैं अंततः प्रतिस्पर्धा करता रहा।”
मुसुमेची का कहना है कि ये उनकी मां की प्रतिस्पर्धा के प्रति नापसंदगी थी जिसने BJJ के प्रति उनके जुनून को मजबूत किया। खेल में जबरदस्ती शामिल होने के बजाय, उन्हें प्रतिस्पर्धा करने का विकल्प दिया गया।
उन्होंने बताया:
“मेरे माता-पिता ने कभी भी मुझ पर प्रतिस्पर्धा या ट्रेनिंग के लिए दबाव नहीं डाला। सच कहूं तो मेरी मां बस यही चाहती थीं कि मैं डॉक्टर या वकील बनूं। वो ये भी नहीं चाहती थीं कि मैं जिउ-जित्सु करूं, इसलिए मुझे ऐसा लगता है क्योंकि उन्होंने हम पर दबाव नहीं डाला, ये वास्तव में ऐसा करने की चाहत हममें इसी से ही आई है।”
BJJ के प्रति जुनून पैदा करने के लिए मुसुमेची की सलाह
माइकी मुसुमेची का बचपन का अनुभव उन माता-पिता के लिए एक सबक हो सकता है जो अपने बच्चों को BJJ या किसी मार्शल आर्ट में धकेलना चाहते हैं।
उनका कहना है कि मुख्य बात ये है कि बच्चों को BJJ में खुद को बेहतर बनाने के लिए अपना जुनून, अपनी इच्छा विकसित करने की अनुमति दी जाए:
“मुझे लगता है कि बहुत से माता-पिता अपने बच्चों पर कुछ चीजें करने के लिए बहुत दबाव डालते हैं, और फिर आप देखेंगे कि बच्चे जिउ-जित्सु छोड़ देते है क्योंकि वे इससे नफरत करते हैं। इसे अंदर से आना होगा। माता-पिता को ये सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे को ये चुनने में मदद करें कि वो कौन सा जुनून अपनाना चाहता है और वो उस पर कायम रहें।”
मुसुमेची का मानना है कि माता-पिता को BJJ प्रशिक्षण को अपने लिए प्राथमिकता देनी चाहिए, वयस्कों के लिए आरक्षित एक विशेष गतिविधि। इस तरह बच्चा आपको जॉइन करने के लिए उत्साहित होगा।
उन्होंने आगे कहा:
“अपने बच्चे को यह न बताएं कि उन्हें प्रशिक्षण लेना है। आपको ये करना है कि आपको ट्रेनिंग में जाना है और कभी-कभी अपने बच्चे को भी ले जाएं। इसे आप अपनी अच्छी चीज बनाएं, जिससे आपका बच्चा भी इसे करना चाहेगा।”