किरिल ग्रिशेंको के MMA में उदय का राज – ‘कभी हार न मानें, भले चीजें कितनी भी कठिन क्यों न हों’

Anatoly Malykhin Kirill Grishenko BAD BLOOD 1920X1280 4

किरिल ग्रिशेंको उन कुछ चुनिंदा एथलीट्स में से एक हैं, जिन्होंने बेलारूस का प्रतिनिधित्व मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के उच्च स्तर पर किया और रिकॉर्ड समय में खेल के शीर्ष पर पहुंच गए।

31 साल के एथलीट ने तेजी से आगे बढ़ते हुए शोहरत तब हासिल की, जब उन्होंने बीती फरवरी में ONE हेवीवेट वर्ल्ड टाइटल का मौका हासिल किया, वो भी प्रोफेशनल MMA डेब्यू करने के केवल 15 महीने बाद।

इससे पहले कि अमेरिकी प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 26 अगस्त (भारत में शनिवार, 27 अगस्त) को सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में ONE Fight Night 1: Moraes vs. Johnson II में वो BJJ दिग्गज मार्कस “बुशेशा” अल्मेडा के खिलाफ वापसी करें, आइए जानते हैं कि किरिल ग्रिशेंको ने कैसे अपने चहेते कॉम्बैट स्पोर्ट को करियर में तब्दील कर दिया।

पूर्वी यूरोप में बीता शुरुआती जीवन

ग्रिशेंको अपने माता-पिता व बहन के साथ बेलारूस के गोमेल क्षेत्र में कालिंकाविच्य के छोटे से शहर में पले-बढ़े हैं।

हालांकि, चीजें बहुत शानदार नहीं थीं, लेकिन उनके माता-पिता के पास अच्छी नौकरी थी और वो अपने बच्चों का बहुत अच्छी तरह से ध्यान रखते थे। इसके चलते युवा एथलीट अपने पैशन को पूरा करने के लिए स्वतंत्र थे।

ग्रिशेंको ने कहा, “हमारा एक औसत आमदनी वाला परिवार था। मेरे पिता एक एम्बुलेंस ड्राइवर और मेरी मां पैरामेडिक थी। मेरी बहन मुझसे 6 साल बड़ी है।”

“मेरे माता-पिता बहुत प्यार और समर्थन देने वाले नेचर के थे और आज भी हैं। मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूं इसलिए मैं ये कह सकता हूं कि मेरा बचपन बहुत खुशियों के साथ बीता।”

ग्रिशेंको इस खेल में तब से दिलचस्पी ले रहे हैं, जब 7 साल की उम्र में उन्हें ग्रीको-रोमन रेसलिंग के बारे में पता चला था।

ये थोड़ा आश्चर्यजनक लग सकता है, लेकिन एथलेटिक्स का प्यार इच्छा से ज्यादा सुविधाओं के चलते शुरू हुआ था, लेकिन इससे उनको पढ़ाई में निराशा हाथ लगी।

हालांकि, शुरुआत में बेलारूसी एथलीट की मां ने उनके इस निर्णय का विरोध किया, लेकिन बाद में जब उन्हें ये साफ हो गया कि इस खेल में उनका भविष्य एक दिग्गज एथलीट के जैसा होगा तो उन्होंने इसका समर्थन किया।

ग्रिशेंको ने बताया:

“मुझे एक दोस्त वहां के स्थानीय रेसलिंग क्लब में ले गया था। हमने उस रेसलिंग क्लब में इसलिए हिस्सा लिया क्योंकि वो हमारे पड़ोस में ही था। इसके अलावा उसमें शामिल होने का और कोई कारण नहीं था, बस वो घर के पास था और मजेदार था। मैं काफी सक्रिय बच्चा था इसलिए मुझे तुरंत ही ये पसंद आने लगा था।

“यहां तक कि मेरे माता-पिता ने मेरा समर्थन किया, लेकिन एक अलग तरह से। मां हमेशा ज्यादा पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया करती थीं और पिता खेल के प्रति उत्साह जगाते थे।

“जब 15 साल की उम्र में मुझे ओलंपिक रिजर्व कॉलेज में स्वीकृत मिल गई तो मेरी मां को इस बात का अहसास हो गया कि मेरे जीवन के आगे का रास्ता पक्का हो चुका है और उनके पास समर्थन में आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था।”

जीवन बदल देने वाला मोड़

ओलंपिक रिजर्व कॉलेज का ऑफर स्वीकार करने के बाद ग्रिशेंको को अपना घर छोड़कर बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में जाकर रहना पड़ा।

उस समय तक किशोर एथलीट को रेसलिंग अच्छी लगती थी और इसमें उन्हें कुछ सफलताएं भी मिली थीं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि इसमें करियर बनेगा या नहीं।

अचानक ही उन्हें अपने देश के बेहतरीन प्रतियोगियों के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिल गया, जिसके चलते उन्हें अपने आगे का रास्ता साफ दिखाई देने लगा।

उन्होंने याद करते हुए बताया, “मुझे नहीं लगता था कि मेरा जीवन इस खेल के साथ जुड़ा हुआ है। मैं ये सोचता था कि मैं मिलिट्री स्कूल या पुलिस में जाऊंगा, लेकिन उस कॉलेज में जाने के बाद मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया।”

इसके बावजूद शुरुआत में इसे अपनाना आसान नहीं था।

हालांकि, युवा ग्रिशेंको ये मौका मिलने से काफी प्रोत्साहित थे और कॉलेज उनकी अच्छी तरह से देखभाल कर रहा था, लेकिन कम उम्र में घर से करीब 200 मील दूर होने के कारण शुरुआती दिनों में उन्हें काफी मुश्किल हो रही थी।

उन्होंने कहा:

“15 साल की उम्र में माता-पिता से दूर रहकर नए माहौल में ढलना काफी मुश्किल भरा था। मैं उस समय काफी युवा था।

“खुशकिस्मती से उस समय मुझे जॉब के लिए भटकना नहीं पड़ा था। उन्होंने मुझे रहने के लिए छात्रावास, खाने के लिए चीजें और मेरे माता-पिता ने कुछ पैसे दिए थे।”

कड़ी मेहनत से मिला मुकाम

कालिंकाविच्य में अपने घर, परिवार और दोस्तों से दूर होना वो कठिनाई थी, जिससे ग्रिशेंको को उबरना था। इसके बाद ट्रेनिंग और प्रतियोगिता का स्तर हासिल करना अन्य कठिनाइयों में शामिल था।

वास्तव में शुरुआत में किशोर एथलीट के साथ मैट पर कुछ ऐसी चीजें घटीं, जिससे उन्हें अपने फैसले पर पछतावा होने लगा, लेकिन उन्होंने इन चीजों को चुनौती की तरह स्वीकार करते हुए और ज्यादा मेहनत की व अपना स्तर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।

बेलारूसी एथलीट ने कहा, “ओलंपिक रिजर्व कॉलेज में मेरे पहले ट्रेनिंग सेशन के दौरान मेरा कोच के बेटे के साथ मुकाबला करवाया गया और उसने मुझे पछाड़ना शुरू कर दिया।”

“मुझे याद है कि पहले ट्रेनिंग सेशन के बाद मैं खुद को किसी बेवकूफ की तरह महसूस कर रहा था। वो जिस तरह भी मुझे हराना चाह रहा था, हरा पा रहा था। मैं भी उसी के लेवल पर जल्द से जल्द आना चाहता था।”

किस्मत से ग्रिशेंको के पास भी अपने नए घर में काफी मजबूत समर्थन मौजूद था।

युवा रेसलर खुद को अपने जैसी सोच रखने वाले एथलीट्स के बीच ट्रेनिंग करते हुए अच्छा महसूस कर रहे थे, जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रहे थे। ऐसे में वो काफी ज्यादा समय लगा रहे थे, ताकि खुद के तय किए हुए लक्ष्यों को हासिल कर सकें।

31 साल के एथलीट ने कहा:

“मेरे टीचर, दोस्त और मुझसे ऊंचे स्तर के एथलीट मुझे प्रेरित करते थे।

“मैं वर्ल्ड टाइटल जीतने के सपने देखने लगा था। मैं चैंपियन बनना चाहता था। इसके लिए मैं बहुत दृढ़ हो चुका था इसलिए मैं सबसे पहले वहां ट्रेनिंग करने आ जाता था और सबसे अंत में वापस जाता था।”

रेसलिंग से प्रो MMA का सफर

ग्रिशेंको की प्रतिबद्धता का असर दिखने लगा, जिसने उन्हें ग्रीको-रोमन रेसलिंग में कई राष्ट्रीय व महाद्वीपीय खिताब दिलाए। वो अपने खेल में उसके आखिरी चरम तक पहुंच गए।

वो 30 साल के करीब पहुंच रहे थे और उन्हें बस रेसलिंग ही आती थी, लेकिन अपनी पत्नी और बच्ची की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेलारूसी एथलीट को नए सफर की तलाश थी। ये रास्ता ऐसा होना चाहिए था, जिसमें वो अपने मौजूदा स्किल सेट को इस्तेमाल कर सकें।

अंतत: उनके पास MMA के तौर पर जवाब सामने आया।

ग्रिशेंको ने कहा, “मैं ग्रीको-रोमन रेसलिंग के साथ काफी बिजी था, लेकिन MMA के बारे में जानता था। ऐसे में मैंने कुछ ऐसे फाइटर्स को सोशल मीडिया पर फॉलो करना शुरू किया, जो बॉक्सिंग और MMA करते थे।”

“उनके कोच कॉन्स्टेंटिन मिखाइलोविच माखानोव मेरे बारे में जानते थे। MMA और किकबॉक्सिंग में महान अनुभव के साथ वो एक बहुमुखी कोच थे। एक बॉक्सर के तौर पर वो गेनैडी गोलोव्किन के ट्रेनिंग पार्टनर थे। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि मेरे जैसे अच्छे रेसलिंग बैकग्राउंड के साथ मैं 28 साल की उम्र में भी MMA में बदलाव करने के लिए लायक हूं।”

हालांकि, MMA काफी अलग था और उसमें सीखने के लिए काफी सारी नई चीजें शामिल थीं, लेकिन ग्रिशेंको काम के प्रति अपने रवैये के चलते काफी तेजी से सीखने लगे थे और उन्होंने तेजी से अपनी स्ट्राइकिंग व ग्रैपलिंग के जखीरे को बढ़ाना शुरू कर दिया था।

साल 2020 में उन्होंने अपना प्रोफेशनल डेब्यू किया और 2021 तक उन्होंने ग्लोबल स्टेज पर मुकाबला करने के लिए साइन कर लिया था। वहां उन्होंने एक के बाद एक प्रभावित करने वाली जीत हासिल करते हुए वर्ल्ड टाइटल का मौका हासिल कर लिया था।

इस साल की शुरुआत में रूसी सुपरस्टार एनातोली मालिकिन से हेवीवेट बेल्ट के लिए मुकाबला हारने के बाद परेशान होने पर भी बेलारूसी एथलीट ने शिखर पर पहुंचने की अपनी तलाश को नहीं छोड़ा। ऐसे में वो यही सलाह दूसरों को भी देना चाहेंगे, जिन्होंने उनको तेजी से उभरते हुए देखा है।

ग्रिशेंको ने आगे बताया:

“आपको कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, भले ही कितनी भी परेशानियां क्यों न आ जाएं। अपना बेस्ट देते रहें। हर रोज पूरी मेहनत करके अपने लक्ष्य को पाने का प्रयास जारी रखें।

“आप मुझे देख सकते हैं। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि डेढ़ साल के अंदर ही मैं MMA बेल्ट के लिए फाइट करूंगा।”

मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में और

Enkh Orgil Baatarkhuu Fabricio Andrade ONE Fight Night 38 20 scaled
AndradeBaatarkhuu
Avazbek Kholmirzaev Robson de Oliveira ONE Friday Fights 107 29 scaled
fabatar
Enkh Orgil Baatarkhuu Aaron Canarte ONE Fight Night 27 3
Fabricio Andrade gets emotional after winning world title at ONE Fight Night 7
Marcelo Garcia Masakazu Imanari ONE 170 24 scaled
Yodlekpet AnarMammadov 1920X1280 scaled
Yuki Yoza Superlek ONE 173 18 scaled
LeeWaka
Nadaka Numsurin Chor Ketwina ONE 173 33 scaled
Christian Lee Alibeg Rasulov ONE 173 9 scaled