कैसे बचपन की कठिनाइयों ने लियाम नोलन के जीवन को सुधारा – ‘जीत और हार के काफी मायने होते हैं’

Liam Nolan Eddie Abasolo ONE on Prime Video 4 1920X1280 1

“लीथल” लियाम नोलन के लिए जीवन काफी मुश्किलों भरा रहा, लेकिन 26 वर्षीय लंदन निवासी एथलीट ने अपने अतीत को वर्तमान पर हावी नहीं होने दिया।

2022 में सिंसामट क्लिनमी के खिलाफ लाइटवेट मॉय थाई मुकाबले में उन्हें दूसरे राउंड में नॉकआउट से हार झेलनी पड़ी थी, अब वो बदला पूरा करने के लिए तैयार हैं।

वो 4 नवंबर को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में होने वाले ONE Fight Night 16 में बदली हुई मानसिकता के साथ उतरेंगे।

बचपन में बढ़ी जिम्मेदारी

नोलन का बचपन काफी चुनौतियों से भरा हुआ था। बच्चे जिस उम्र में कॉलेज जाने की तैयारी कर रहे होते हैं, तब उन्हें घर की जिम्मेदारियां उठानी पड़ीं।

उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनकी मां पर थी। उन्होंने छोटी उम्र में स्कूल छोड़कर काम करना शुरु कर दिया था। पैसे थोड़े बहुत मिलते थे, लेकिन वो सारा पैसा उनकी मां के पास जाता था।

नोलन ने अपनी युवावस्था के बारे में ONEFC.com को बताया: 

“मैंने छोटी उम्र में स्कूल छोड़ दिया था। मैं बाहर जाकर पैसे कमाता था। मैं कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करता था। वहां काम करके कैश मिलता था तो ये काफी अच्छा था।

“यहां तक कि मैंने कुछ मॉडलिंग जॉब भी की। यहां कंस्ट्रक्शन के काम की तुलना में पैसा थोड़ा अच्छा मिलता था। मैं अपनी मां की मदद के लिए सारा पैसा उन्हें दे देता था। पैसा सबकुछ नहीं था, लेकिन मैं अपनी तरफ से उनकी पूरी मदद करने की कोशिश करता था।”

पैसा जितना भी था, उससे काफी मदद मिलती थी। नोलन याद करते हुए बताते हैं कि एक समय उन्हें अपनी मां के साथ कमरा साझा करना पड़ता था।

हालांकि, वो कोई परेशानी वाला विषय नहीं था, लेकिन उनकी मां द्वारा किए गए पालन-पोषण से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला।

नोलन ने कहा:

“एक समय पर हम बंक बैड पर सोते थे। हमारे पास एक कमरे में बंक बैड होता था। वो ज्यादा अच्छा नहीं था, मगर हमें गुजारा करने के लिए जो करना पड़ा, वो किया।

“वो बहुत मेहनत करती हैं। उनकी मानसिकता काफी मजबूत है। और यही चीज मुझे उनसे मिली है।”

इसी मानसिकता की वजह से उन्हें अहसास हुआ कि वो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने की बजाय मॉय थाई में नाम बना सकते हैं, जो कि उन्होंने लगभग उसी समय शुरु किया था।

अपने गुरु से हुई मुलाकात 

स्कूल छोड़ने से कुछ साल पहले नोलन का परिचय Knowlesy Academy से हुआ, जहां जोनाथन हैगर्टी भी ट्रेनिंग करते हैं। जिस समय नोलन के हाथों में काम करने वाली टूल नहीं होती थी, तब वो ग्लव्स पहनकर रखते थे।

किसी भी युवा के लिए दिन में काम करना और रात में जिम में पसीना बहाना आसान नहीं था। हालांकि, उन्हें इस बात का अहसास था कि मॉय थाई के कारण ही वो खुद को अच्छा जीवन दे पाएंगे।

जिम में उन्हें एक रोल मॉडल की जरूरत थी और उनकी वो मनोकामना पूरी भी हुई।

नोलन ने कहा:  

“किस नोल्स (कोच) मेरे लिए पिता के समान थे। वो मुझे स्कूल से लेने आते थे, जिम में काम दिया और ट्रेनिंग करने देते थे। उन्होंने हमेशा मेरी ट्रेनिंग के बारे में सकारात्मक बात की। मुझे उनपर बहुत विश्वास था।”

https://www.instagram.com/p/B7IaMekJc1f/?utm_source=ig_web_copy_link&igshid=MzRlODBiNWFlZA==

उन्हें शुरुआती सालों में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन वो और कोच जानते थे कि उनमें कितनी प्रतिभा है। ऐसे में “लीथल” हर हाल में खुद और अपने परिवार को एक अच्छा जीवन देने के रास्ते में किसी को नहीं आने दे सकते थे।

छह फुट दो इंच लंबे फाइटर ने अगले कुछ सालों में अपनी स्किल्स में सुधार किया। नोलन को अंदाजा था कि ये उनका अच्छे जीवन का रास्ता था। उनके दोस्त वीकेंड पर ड्रिंक करते थे, लेकिन लंदन निवासी एथलीट मॉय थाई में अपना समय लगा रहे थे।

नोलन ने कहा:

“मुझसे बहुत सारी चीजें छूटीं। जब मैं छोटा था, तब मुझे ट्रेनिंग की वजह से काफी कुछ त्याग करना पड़ा। मेरे सभी दोस्त बाहर जाकर पार्टी करते थे।

“मैंने अपना सारा जीवन और युवावस्था इसी में लगा दी थी। मेरे पास ये सबसे बड़ा मौका था और मुझे इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। मुझे जरा भी पछतावा नहीं है क्योंकि मैं जानता था कि अच्छा बनने के लिए मुझे ये करना ही होगा।

“सच कहूं तो मुझे जिम में बहुत मजा आता था। मैं वहां होना चाहता था, ऐसे में मेरे लिए ये लिए आसान था।”

नवंबर में होगा अहम मुकाबला

फाइटर बनना मानसिक और शारीरिक रूप से काफी कठिन होता है। जब भी कोई फाइटर मैच के लिए रिंग में उतरता है तो उसके पीछे सालों की मेहनत, खून-पसीना और आंसू होते हैं। हर एक हार और जीत का उनपर काफी प्रभाव पड़ता है।

अपने करियर के दौरान नोलन को काफी सारे उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा, लेकिन उसकी वजह से उन्हें करियर में काफी सफलता मिली।

अब जब वो 4 नवंबर को लुम्पिनी स्टेडियम में उतरेंगे तो ना सिर्फ उनके मन में पिछली हार का बदला लेने बल्कि अपने अतीत के कठिन समय को अच्छे भविष्य में बदलने की आग होगी।

उन्होंने कहा: 

“ये काफी मुश्किल होता है। ये बड़ा ही कठिन खेल है। यहां लोग एक दूसरे से फाइट करते हैं, लेकिन जीत और हार के काफी मायने होते हैं।

“आपको बहुत मजबूत बनना पड़ता है क्योंकि लोग आपके बारे में बात करेंगे और उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए। लेकिन कभी-कभी चीजें ठेस पहुंचा देती हैं। ये आसान नहीं है।

“जब भी हम मैच के लिए उतरते हैं तो अपनी आजीविका को दांव पर लगाना पड़ता है। ऐसे में नतीजा हमारे लिए बहुत मायने रखता है। ये सिर्फ फाइट के लिए ही नहीं होता।”

मॉय थाई में और

Suriyanlek Por Yenying Rittidet Sor Sommai ONE Friday Fights 60 14
Sinsamut Klinmee Mouhcine Chafi ONE Fight Night 16 64 scaled
Suriyanlek Rittidet 1920X1280
Smilla Sundell Allycia Hellen Rodrigues ONE Fight Night 14 21 scaled
Hannah Brady Natalia Diachkova ONE Friday Fights 32 40
LiamHarrison Seksan 1200X800
Thongpoon PK Saenchai Timur Chuikov ONE Fight Night 19 41 scaled
Sean Climaco
Sean Climaco
Suriyanlek Por Yenying Tomyamkoong Bhumjaithai ONE Friday Fights 41 23 scaled
Zakaria El Jamari 1200X800
Regian Eersel Alexis Nicolas ONE Fight Night 21 12