सव्वास माइकल ने अपने सपने को जीने के लिए संदेह को किया गलत साबित

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साइप्रस निवासी सव्वास “द बेबी फेस किलर” माइकल अपने रास्ते में बाधाओं के बावजूद दुनिया के शीर्ष मुवा थाई एथलीटों में से एक बन गए हैं। उनके देश में इस खेल की अधिक पहचान नहीं है और वहां विश्व चैंपीयन बनने का सपना देखने पर उनका मजाक उड़ाया गया था, लेकिन रिंग में करियर के लिए उनके समर्पण से सभी बाधाओं को दूर कर दिया।

अब, वह ONE सुपर सीरीज़ में सबसे युवा सितारों में से एक है और मई में सनसनीखेज रूप से मिली पहली जीत के बाद वह ONE: ड्रीम्स ऑफ गोल्ड में पेचैंडी अकादमी के प्रतिनिधि लेरदसिला फुकेत टॉप टीम का सामना करेंगे।

अगले शुक्रवार, 16 अगस्त को थाईलैंड के बैंकॉक में अपने गोद लिए गृहनगर में एक्शन में वापसी करने से पहले आप यह जान लें कि भूमध्यसागरीय द्वीप के युवक ने दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट संगठन में खुद को कैसे स्थापित किया।

साइप्रस में बीता बचपन

माइकल साइप्रस के दक्षिणी तट पर स्थित लिमासोल के रहने वाले हैं। उनकी माँ एक कैनेडियन हैं जिन्होंने इस द्वीप के निवासी उनके पिता से शादी की थी। वहां वह अपनी बड़ी बहन क्रिस्टीन के साथ बड़े हुए थे। 22 वर्षीय माइकल ने बताया कि उस द्वीप पर जीवन अन्य दुनिया से थोड़ा पीछे है। लगभग दस लाख की आबादी वाला यह एक बहुत छोटा देश है। यह बहुत सुंदर है। लोग अपने कम्फर्ट जोन में रहना पसंद करते हैं।

युवा माइकल की अधिक जिम्मेदारी उनकी मां पर तब आ गई, जब उनके पिता ने उन्हें तलाक दे दिया था। हालांकि उनके पिता, जो एक पूर्व कराटे चैंपियन थे अभी भी उनके जीवन का हिस्सा थे। उन्हें जब स्कूल के दिनों में समस्याएं आने लगी तो उन्होंने मार्शल आर्ट की ओर कदम बढ़ा दिया।

वह याद करते हुए कहते हैं कि एक स्कूल था जो आधा-ग्रीक और आधा-अंग्रेजी था, लेकिन वह अंग्रेजी के पक्ष में थे। ग्रीक के लोग उनकी तुलना में शारीरिक रूप से थोड़े मजबूत थे। ऐसे में उनके सामने उन्हें थोड़ी कमजोरी महसूस होती थी। वह अपने दोस्तों के साथ भी खड़े नहीं हो सकते थे। ऐसे में उनके पिता उन्हें कराटे क्लास में ले गए, लेकिन पहली बार में यह उन्हें पसंद नहीं आया। इसके बाद उन्हें मुवा थाई में प्रशिक्षण लेने के लिए जगह मिल गई और और उन्होंने इसका आनंद लिया।

“द आर्ट ऑफ एट लिम्ब्स” से प्यार

माइकल जब 6 साल की उम्र में लंपिने जिम लिमसोल में गए और वहां के कोचों ने तुरंत उनकी योग्यता को पहचान लिया था। उन्होंने अपने पहले प्रशिक्षण में ही एक परिपूर्ण जैब-क्रॉस दाव लगाया था।

घर से निकले के बाद उन्हें कुछ देरी से प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिला था, लेकिन उसके बाद वह मुवा थाई उनकी जिंदगी पर हावी हो गई। द बेबी फेस किलर याद करते हैं कि उनके पास फाइट की कोई योजना नहीं थी। ऐसे में मेरे विराधी ने अपने हमलों से लहुलुहान कर दिया। उस दौरान उनके कोच ने पहली बार उनकी मां को फोन किया था।

उन्हें याद है कि उस फाइट के बाद वह बहुत डरे हुए थे, लेकिन वह वास्तव में नॉकआउट से जीता गए थे। उन्होंने अपने विरोधी पर कोहनी से एक मजबूत वार किया था। उसके बाद से ही उन्हें उस दाव से प्यार हो गया।

वह स्कूल में बैठे हुए यही सोचते थे कि वह लम्बे समय तक जिम में रहे। उन्हें उसके अलावा और कुछ भी करने का मन नहीं होता था। किश्मत से इन सब में उनके पास उनकी मां का पूरा समर्थन था। उन्होंने देखा कि उनका बेटा “द आर्ट ऑफ एट लिम्ब्स” के लिए कितना भावुक था और अपने सपनों का पीछा करने में उसे बार-बार करना चाहता था।

उन्होंने बताया कि वह महज 11 साल की उम्र में ही थाईलैंड में विश्व चैंपियनशिप के लिए चले गए थे। उस दौरान उन्हें पता लगा कि वह इस कला से कितना प्यार करते हैं। वह लुम्पनी स्टेडिय पहुंचे और माहौल को महसूस किया। माँ अभी भी कहती है कि उन्होंने उस यात्रा पर थाईलैंड में अपना दिल छोड़ दिया था।

जारी रखा आगे बढ़ना

Savvas Michael defeats Singtongnoi Por Telakun at ONE: WARRIORS OF LIGHT

डब्ल्यूएमसी मुवा थाई वर्ल्ड चैंपियन ने एक पेशेवर एथलीट होने के उनके सपनों के जीवन की ओर बढ़ने के लिए वह सब कुछ किया, लेकिन जोखिम-ग्रस्त स्थानीय समुदाय का दृष्टिकोण उनकी आकांक्षाओं के अनुकूल नहीं था।

माइकल ने बताया कि साइप्रस में कोई भी उन पर विश्वास नहीं करता था और उन्हें अपना समय बर्बाद करने से बचने की सलाह देते थे। उस दौरान पेचैंडी अकादमी ने उन्हें वहाँ जाने के लिए एक प्रायोजन की पेशकश की, लेकिन लोगों ने उन्हें प्रेरित करने के बजाय वहां नहीं जाने के लिए कहा।

एक स्थानीय प्रायोजक के लिए धन्यवाद, उन्होंने 18 साल की उम्र में थाईलैंड के लिए अपना रास्ता बना लिया, लेकिन यह पहले से ही अनुमान लगाने की तुलना में कमजोर थे और उन्होंने कई बार सख्त होने पर अपने दिमाग के पीछे संदेह की आवाज सुनी थी।

उन्होंने आर्थिक रूप से संघर्ष किया, लेकिन उनकी माँ और प्रायोजक ने उनका यथासंभव समर्थन किया और अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के साथ बाद में उनकी प्रतिष्ठा और मूल्य में वृद्धि हुई।

उन्होंने बताया कि जब वह वहां पहली बार गए तो कठोर प्रशिक्षण को देखकर डर गए थे। वह उनके लिए एक बुरे सपने की तरह था। इसके अलावा वह वहां जो भी कमाई कर रहे थे वह प्रशिक्षण के लिए बहुत कम थी। उस दौरान उन्हें भी अपनी योग्यता पर संदेह होने लग गया था। एक समय ऐसा भी आया था जब उन्होंने पीछे मुड़ना शुरू कर दिया था। उनसे पहले साइप्रस में किसी ने भी ऐसा नहीं किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने मन की बात सुनी और वहां जमे रहे। अब मुझे इससे प्यार हो गया है।

सबसे कठिन सर्किट पर अपनी पहचान बनाना

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Posted by ONE Championship on Friday, May 10, 2019

बैंकॉक के लंपिने और राजदामर्न स्टेडियमों में माइकल की सफलता ने उन्हें थाई स्टेडियम सर्किट पर सबसे महान विदेशी एथलीटों में से एक के रूप में चिह्नित किया। उनके एकल ट्रैक दिमाग और पेचैंडी अकादमी में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण ने उनमें तेजी से सुधार किया और उन्होंने इस सुधार को रिंग में दिखाया।

वह कहते हैं कि उसके बाद उनका जीवन आसान होने लगा है। उनकी खुद की अलग पहचान बनने लगी है और उन्होंने फाइट व्यवसाय के बारे में भी सीखना शुरू कर दिया है। जब वह छोटे थे तो हमेशा स्टेडियमों में शीर्ष योद्घाओं के खिलाफ लड़ने में सक्षम होना चाहता थे। वह अपनी माँ और अपनी बहन की देखभाल करने में सक्षम होना चाहते थे। उनकी मां ने उन्हें सबकुछ दिया। ऐसे में वह अब उन्हें कुछ देना चाहते हैं।

उनकी सफलता ने ONE Championship मैचमेकर्स का ध्यान खींचा और उन्होंने मई में मार्शल आर्ट के लिए वैश्विक मंच पर एक बड़ी पहली छाप छोड़ी, जब उन्होंने सिंगटोंगनोई में “द आर्ट ऑफ एट लिम्ब्स” का शानदार मुजायरा पेश किया था।

एक अन्य थाई योद्घा के खिलाफ उनका अगला कदम उनके कैरियर को और भी आगे बढ़ा सकता है और मार्शल आर्ट्स में सबसे बड़े पुरस्कार के लिए अपने दावे को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा कि वह लगातार कड़ी मेहनत, प्रशिक्षण, और हर महीने बाउट के साथ वह अभी जहां हैं वहीं खड़े हैं। उन्होंने हमेशा अपनी मां से कहा था कि वह मुवा थाई के दम पर पैसा कमाने जा रहे हैं। उन्हें इतना विश्वास था कि कुछ जरूर होगा और वह ONE Championship में पहुंच गए।

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