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दक्षिण अमेरिकी हेवीवेट चैंपियन अलेक्सांद्रे मशाडो बचपन में अक्सर झगड़ों में पड़ जाते थे। उनके पिता एक पुलिस अफसर और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु से जुड़े रहे, उन्होंने ही अलेक्सांद्रे को 5 साल की उम्र में ही ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी। ये खेल उनकी जिंदगी को नया मोड़ देने वाला था और वो सफर आज भी जारी है। ये खेल ही मशाडो के पास उनके पिता की सबसे बड़ी निशानी बची है क्योंकि उनके पिता अब स्वर्ग सिधार चुके हैं।
बचपन में मशाडो को रॉयस ग्रेसी के मैच देखने बहुत पसंद थे, इसी वजह से उनके मन में भी मार्शल आर्ट्स वर्ल्ड चैंपियन बनने की इच्छा जागृत हुई। रीज़नल टूर्नामेंट्स में भाग लेते हुए उन्होंने कई मेडल जीते और BJJ ब्लैक बेल्ट होल्डर भी बने। साल 2007 में अपना प्रोफेशनल डेब्यू किया, जहां उन्हें आर्मबार की मदद से केवल 73 सेकंड में जीत मिली। कुछ समय बाद PERU FC और Armageddon Fight हेवीवेट चैंपियनशिप्स जीतीं और 2015 में आखिरकार ONE Championship को जॉइन किया।
उससे अगले ही साल 4 बार के मॉय थाई और किकबॉक्सिंग हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन एलन गलानी को तकनीकी नॉकआउट से हराकर करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। उसके पश्चात डिविजन में बदलाव कर ONE लाइट हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए आंग ला न संग को चैलेंज किया, लेकिन असफल रहे। इसके बावजूद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की हठ को छोड़ा नहीं है इसलिए अभी भी कड़ी मेहनत कर आगे बढ़ रहे हैं।